रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच वहां फंसे कई भारतीय घर लौट चुके हैं. जिसमें कई बिहार के रहने वाले भी शामिल है. यूक्रेन से लौट रहे छात्र वहां के हालात बताकर रो पड़ते हैं. यूक्रेन से आज बिहार के 47 छात्र पटना पहुंचे हैं. वहीं वहां से छात्रों के आने का सिलसिला जारी है. इस बीच पूर्णिया के अमित प्रकाश और मधुबनी मिस्त्री टोला के रवि कुमार भी अपने घर पहुंच गए. दोनों छात्रों ने बताया कि कैसे यूक्रेन में भारत की आन बान और शान तिरंगा भारतीयों की जान बचा रहा है.
अमित और रवि ने यूक्रेन के हालात बताते हुए कहा कि हर तरफ दशहत का माहौल था. लगातार धमाकों की आवाज आ रही थी. आग की लपटें और धुएं का गुबार मन में डर पैदा रहा था. भगवान से यही प्रार्थना कर रहे थे कि किसी तरह अपने देश सकुशल लौट जाए. वहीं पूर्णिया के अमित प्रकाश ने बताया कि यूक्रेन के कीवी से वह अपने 11 दोस्तों के साथ 80 हजार में गाड़ी रिजर्व कर निकला. मगर पोलैंड बॉडर से 5 किलोमीटर दूर से गाड़ी वालों ने उतार दिया. फिर पैदल चल कर पोलैंड पहुंचे जहां भारतीय दूतावास के माध्यम से होटल में रहे. वहां खाने पीने की बहुत अच्छी व्यवस्था थी.
मधुबनी के रवि कुमार ने बताया कि तिरंगा पास नहीं रहता तो हमलोगों को रूस की सेना मार देती. रवि ने बताया कि यूक्रेन के निस्टेरिया शहर से जब हमलोग बस से रोमानिया बॉर्डर के लिए निकले तो रास्ते में रूस की सेना ने बस को रोक दिया. लेकिन बस के दोनों तरफ भारत का तिरंगा झंडा लगा हुआ था. बस रोकने बाद रूस की सेना ने पूछा कि सच में इंडियन हो, तो मैंने बताया कि हम सभी इंडियन ही है. इसके बाद सेना में ही एक अन्य सेना ने पासपोर्ट देखने को मांगा तो दिखाए. इसके बाद फिर सेना ने नजदीक से तिरंगे को गौर से देखा फिर बस को आगे बढ़ने दिया.
बता दें कि यूक्रेन से आज बिहार के 47 छात्र पटना पहुंचे हैं. अब तक बिहार के 355 छात्र सुरक्षित लाये जा चुके हैं. पिछले 24 घंटे के दौरान 9 फ्लाइट से बिहार के 164 छात्र घर लौट चुके हैं. गुरुवार को यूक्रेन से पटना में एक साथ 9 फ्लाइट से 164 स्टूडेंट्स आए हैं. वहीं आज अभी तक 47 छात्र पहुंचे हैं. अब तक यूक्रेन से बिहार आने वाले कुल स्टूडेंटस की संख्या 355 हो गई है. सरकार का दावा है कि यूक्रेन से आने वाले स्टूडेंटस को पटना से उनके घर तक सरकार अपने खर्च पर पूरी व्यवस्था के साथ पहुंचा रही है. छात्रों की सहायता के लिए जगह जगह टीम लगाई गई है.