बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार एवं चरित्र निर्माण आवश्यक : शैलेश्वर भागलपुर । आनंदराम ढांढनियां सरस्वती विद्या मंदिर में चल रहे त्रि -दिवसीय आचार्य कार्यशाला का समापन शुक्रवार को हो गया।

तीसरे दिन के कार्यक्रम में अभिभावक संपर्क ,मातृ गोष्ठी ,अभिभावक सम्मेलन के कार्यक्रम का निर्धारण कर कार्य का प्रारूप तैयार किया गया।साथ ही विद्या भारती द्वारा निर्धारित केन्द्रीय आधारभूत विषय संगीत शिक्षा, नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, योग शिक्षा, संस्कृत शिक्षा के सफल क्रियान्वयन की योजनाएं बनाई गई।
कार्यशाला के समापन सत्र में मुख्य चिंतन का विषय रखा गया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंध कारिणी समिति के सचिव डॉ शैलेश्वर प्रसाद, प्रो शिवकुमार जिलोका, सदस्य रवि शंकर पांडेय, प्रधानाचार्य अनंत कुमार सिन्हा एवं वरिष्ठ आचार्य अभिनंदन सिंह ने भी अपने विचार रखे।

डॉ शैलेश्वर प्रसाद ने कहा कि बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और चरित्र का निर्माण आवश्यक है। ज्ञात हो कि यह कार्यशाला भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति बिहार के निर्देशन में 30 मार्च से लेकर 1 अप्रैल तक आयोजित थी ।