बिहार में जमीन से जुड़े मामलों को जल्दी से निपटारा करने के लिए बिहार सरकार लगातार कड़े कदम उठाती रही है. ऐसे में बिहार सरकार ने चकबंदी कर जमीन की मापी करने का फैसला किया था साथ ही उन्होंने यह भी कह था कि जमीन जो कब्जा किया गया है उसपर भी कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में बिहार के रोहतास और कैमूर जिलों में चकबंदी की शुरुआत हुई लेकिन कर्मचारियों की कमी के कारण कार्यआगे नहीं बढ़ पाया लेकिन चकबंदी का नियम लागू हो गया जिससे की जमीन की खरीब बिक्री में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में अब इन जिलों के लोगों के लिए अच्छी खबर निकल कर सामने आई है. गुरुवार को राज्य सरकार की तरफ से पाबंदी को वापस लेने की घोषणा कर दी गई है.

बता दें कि जिस इलाके में चकबंदी का कार्य शुरु होता है वहां पर जमीन की खरीब बिक्री का कार्य रोक दिया जाता है. अगर किसी को उनकी जमीन बेचनी होती है तो उसके लिए आपको वाजिब कारण बताना होगा. इसके बाद चकबंदी पदाधिकारी से इजाजत भी लेनी होगी. बतया जा रहा है कि इसमें जमीन खरीद बिक्री मे देरी तो होती ही था साथ भी भ्रष्टाचार के भी मामले सामने आ गए थे. इसके बाद किसानों ने पाबंदी हटाने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को ज्ञापन दिया था. विभागीय मंत्री रामसूरत राय ने विभाग से पाबंदी हटाने का प्रस्ताव मांगा था. गुरुवार को उन्होंने इस पर दस्तखत कर दिया. कुमार ने कहा कि सरकार के फैसले से किसानों को राहत मिली है. जल्द ही इन जिलों में चकबंदी का काम शुरू हो जाएगा.

इस दौरान बोलते हुए मंत्री ने बताया कि चकबंदी अधिनियम की धारा पांच(1) में जमीन के निबंधन से मुक्ति का प्रविधान है. उन्होंने इसी आधार पर आदेश दिया है. मंत्री का आदेश एक-दो दिनों के भीतर प्रभावी हो जाएगा. चकबंदी निदेशालय के संयुक्त निदेशक युगल किशोर ने बताया कि सरकार के आदेश की आधिकारिक प्रति रोहतास और कैमूर के चकबंदी पदाधिकारियों को भेजी जा रही है. इसमें एक-दो दिन का समय लग सकता है. किसान नए आदेश का लाभ ले सकते हैं.

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