बिहार के शेखपुरा जिले में अजय देवगन के स्‍टारकास्‍ट वाली फिल्‍म गंगाजल का दारोगा मंगनी राम वाला सीन सच में साकार हो गया। यहां एक सहायक अवर निरीक्षक ने अपने ही जिले के एसपी को नजराना लेने के लिए रोक दिया। बताया जा रहा है कि यह एएसआइ रास्‍ते से गुजरने वाली हर गाड़ी से नजराना लेता था। यहां तक कि बाइक और स्‍कूटर वालों को भी बिना 50-100 रुपए दिए आगे नहीं जाने देता था। इसकी शिकायत पर एसपी कार्तिकेय के शर्मा खुद ही जांच के लिए पहुंचे तो एएसआइ ने उनको भी उसी अंदाज में रोक दिया, जैसे वह आम लोगों के साथ किया करता था।

एसपी ने मौके पर ही कर दिया निलंबित, होगी विभागीय कार्रवाई

शेखपुरा में वाहनों से अवैध वसूली करने में जुटा पुलिस का सहायक अवर निरीक्षक गलती से अपने सीनियर यानी एसपी पर ही हाथ डाल दिया। उसे अपनी गलती का अंदाजा हुआ, तब तक देर हो चुकी थी। इसका परिणाम यह हुआ कि वसूली करने वाले साहब मौके पर ही निलंबित कर दिये गए और इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू की जा रही है।

बाइक वालों से भी 100-50 रुपए झटक लेते थे पुलिस बाबू

एसपी कार्तिकेय के शर्मा ने इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि कसार थाने में प्रतिनियुक्त सहायक अवर निरीक्षक रणवीर प्रसाद को वाहनों से अवैध वसूली के मामले में निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू की जा रही है। एसपी ने बताया कि चांदी पहाड़ से पत्थर और डस्ट लेकर निकलने वाले वाहनों से यह कनीय पुलिस अफसर अवैध वसूली करता था। रणवीर प्रसाद के बारे में लोग बताते हैं रास्ते में बाइक से आने-जाने वालों को भी पुलिस का रौब दिखाकर 100-50 झटक लेते थे।

स्वयं बाइक से पहुंचे एसपी

इस रिश्‍वतखोर पुलिस अफसर को पकडऩे के लिए शनिवार की अलसुबह एसपी कार्तिकेय के शर्मा स्वयं बिना वर्दी के आम नागरिक की तरह बाइक चलाकर मौके पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि रुपये वसूलने में मशगूल इस सहायक अवर निरीक्षक ने एसपी को भी हाथ देकर रोक दिया। बाइक पर बैठे एसपी को रोकने के बाद एएसआइ उनके नजदीक पहुंचा तो बड़े अफसर को पहचानते ही उसके होश उड़ गए। हालांकि तब तक एसपी उसकी सारी करतूत को अपनी आंखों से देख चुके थे। एसपी ने मौके पर ही सहायक अवर निरीक्षक को निलंबित कर दिया।

पहले भी हुई है कार्रवाई

वाहनों से अवैध वसूली के मामले में एसपी एक पखवाड़ा पहले भी इसी तरह की कार्रवाई की थी। तब शेखपुरा और चेवाड़ा थाने के आठ पुलिसकर्मियों को एनएच पर वाहनों से अवैध वसूली के आरोप में निलंबित किया गया था। इन रिश्‍वतखोर अफसरों को पकड़ने के लिए भी देर रात एसपी स्वयं सड़कों पर निकले थे और सभी को रंगे हाथ पकड़ा था।

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