बिहार सरकार 2015 से राज्य में प्रभावी शराबबंदी कानून में बदलाव करेगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शराबबंदी कानून में संशोधन के लिए मद्य निषेध व उत्पाद (संशोधन) अधिनियम-2022 के प्रारूप को मंजूरी दी गई। संशोधित कानून प्रारूप को विधानमंडल के दोनों सदनों से मंजूरी दिलाने के लिए इसे बजट सत्र के दौरान पेश किया जाएगा। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने गेहूं-धान के बाद अब राज्य के किसानों से चना और मसूर की खरीदारी करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया है। बैठक में कुल 14 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संशोधन प्रारूप में शराब की बिक्री और इसकी तस्करी करने वालों के खिलाफ सख्त नियमों को शामिल किया गया है। संशोधन प्रारूप में स्पष्ट किया गया है कि बंदी के बावजूद शराब की बिक्री संगठित अपराध की श्रेणी में आएगी। इस प्रकार के धंधेबाज और तस्करों की की संपत्ति जब्त करने की अनुशंसा भी प्रस्ताव में की गई है। इसी तरह ऐसा कोई भी पदार्थ जिसे शराब में बदला जा सके उसे मादक द्रव्य की श्रेणी में लाया जाएगा। कानून में संशोधन प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद शराब पीते पकड़े जाने वाले अभियुक्तों का ट्रायल एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट या इससे ऊपर की रैंक के अधिकारी करेंगे। पहली बार शराब पीते पकड़े जाने पर जुर्माना लेकर छोड़ दिए जाने का प्रविधान संशोधन कानून में किया जा रहा है। शराब तस्करों और बड़े धंधेबाजों पर पहले की तरह कोर्ट में ही मामला चलेगा। सूत्रों ने बताया शराबबंदी कानून में दोबारा संशोधन किया जा रहा है।

नए कानून में संभावित बदलावपहली बार शराब पीते पकड़े जाने पर देना होगा तय जुर्माना जुर्माना न भरने पर पीने के आरोपित को एक महीने की जेल बार-बार शराब पीने वालों पर जुर्माना भी और जेल भी होगी शराब बनाने व बेचने वाले अपराधियों की चल-अचल संपत्ति जब्त होगी जब्त शराब, स्प्रिट कलेक्टर के आदेश पर तुरंत नष्ट कर दी जाएगी शराब के धंधे में लगी जब्त गाडिय़ां या जानवर की जुर्माने के बाद मुक्ति‍

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