रूस-यूक्रेन युद्ध ने पूर्णिया सहित सीमांचल के छात्रों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। यहां के कई छात्र यूक्रेन स्थित यूनिवर्सिटीज में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन युद्ध शुरू हो जाने से उनके समक्ष संकट आ गया है तथा वे लोग वहां से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। पूर्णिया की पलक भी वहां खारकीव में फंस गई हैं तथा एक बंकर में शरण ले ली है लेकिन बाहर से कोई सहायता नहीं मिलने के कारण काफी खबराई हुई है। और यहां उनके माता-पिता भगवान से उसके सकुशल वापसी की दिन-रात प्रार्थना कर रहे हैं। उनकी निंद, चैन सब छीन गया है।

स्थानीय नवरतन हाता में रहने वाले अमित सिंह की पुत्री पलक यूक्रेन के सबसे पुराने युनवर्सिटी खारकीव में एमबीबीएस सेकेंड ईयर में पढ़ाई कर रही हैं। सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन इसी बीच रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया और और वह फंस गई। दूरभाष पर पलक ने रोते हुए बताया कि वे लोग हास्टल छोड़कर एक बंकर में शरण ले ली है।

लेकिन यहां अब राशन-पानी समाप्त होने वाला है। बाहर में सामान काफी महंगा हो गया है साथ ही उसका स्टाक भी लिमिट ही है। ऐसे में आने वाले समय में परेशानी और बढऩे वाली है। पलक ने बताया कि एंबेसी से संपर्क किया था लेकिन कोई रिप्लाई नहीं आ रहा है जिससे चिंता और बढ़ गई है। उनके माता-पिता सबसे बेटी की सकुशल वापसी के लिए गुहार लगा रहे हैं।

पलक ने लगातार वहां से मैसेज कर रक्षा करने की गुहार कर रही है। वे अपील कर रही है कि कोई उसकी रक्षा करे। इधर, उनके माता-पिता को उम्‍मीद है कि यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों को वापस लाया जा रहा है। इसलिए उसकी बेटी को आ जाएगी। उन्‍होंने राज्‍य व केंद्र सरकार से अपील की है।

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