रूस और यूक्रेन के बीच औपचारिक रूप से जंग ऐलान हो गया है. टीवी चैनलों के जरिए युद्ध के समय बजने वाली सायरन की आवाजें भारत के परिवारों की चिंताएं बढ़ा रही है. जिनके बच्चे यूक्रेन में फंसे हुए हैं, वो भारतीय परिवार घबराए हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक अब भी 18,000 से ज्यादा भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए हैं. जिसमें कई बिहार के रहने वाले भी हैं.

यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे बिहार के मोतिहारी के रहने वाले दीपक कुमार, रक्सौल के रजत रोशन और बक्सर की सुप्रिया कुमार समेत कई छात्रों ने अपनी आपबीती बताते हुए भारत सरकार से मदद की गुहार लगाईं है. यूक्रेन में फंसे दीपक ने बताया कि देर रात जब स्टेशन से ट्रेन खुली तो जल्द घर पहुंचने के लिए उत्सुक था. लेकिन जब सुबह नींद खुली तो मोबाइल पर मैसेज देखा कि फ्लाइट कैंसिल हो गई है. उन्होंने बताया कि न्यूज देखा तो पता चला कि रशियन आर्मी ने एयरपोर्ट पर कब्जा कर लिया है.

रक्सौल के रहने वाले रजत रौशन ने बताया कि पिछले 15 दिनों से परिवार बहुत विचलित है. उनसे बात होने पर उनका हिम्मत बढ़ा रहा हूं लेकिन खुद भी अब डर लग रहा है. वहीं बक्सर की रहने वाली कमलेश सिंह की पुत्री सुप्रिया कुमार ने एक वीडियो यूक्रेन से अपने पिता के पास भेजा है. यूक्रेन में औरंगाबाद, जहानाबाद सहित कई जिलों के छात्र अब भी फंसे हुए हैं. सुप्रिया ने बताया कि हर तरफ से सायरन की आवाज सुनाई दे रही है.

बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच औपचारिक रूप से जंग ऐलान हो गया है. रूस के सैनिक यूक्रेन में दाखिल होकर हमला कर रहे हैं. रूस के हमले में यूक्रेन को भारी नुकसान हुआ है. माना जा रहा है कि अब तक 50 सैनिक मारे गए हैं. वहीं यूक्रेन का दावा है कि रूस के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं. यूक्रेन में रहने वाले छात्रों के लिए केंद्र सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था तैयार की जा रही है.

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