अपनी संस्कृति–अपनी पहचान विषय पर परिचर्चा, 63 सामाजिक संस्थाएं सम्मानित


नवगछिया : नवगछिया विकास समिति एवं बाल भारती विद्यालय परिवार, नवगछिया के संयुक्त तत्वावधान में माता बिहुला विषहरी की धरोहर एवं तुलसी पूजन दिवस के अवसर पर गुरुवार 25 दिसंबर को बाल भारती विद्यालय, गौशाला रोड परिसर में “अपनी संस्कृति–अपनी पहचान” विषय पर एक भव्य परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नवगछिया नगर व आसपास की सामाजिक, स्वयंसेवी एवं कल्याणकारी संस्थाओं द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए कुल 63 संस्थाओं के पदाधिकारियों एवं सदस्यों को सम्मानित किया गया।


कार्यक्रम में परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि “तुलसी जैसा धरती पर न कोई दूसरा पौधा है और न होगा।” उन्होंने तुलसी के धार्मिक, सांस्कृतिक व औषधीय महत्व पर प्रकाश डालते हुए भारतीय संस्कृति को जीवन का आधार बताया। स्वामी जी द्वारा सभी सम्मानितों को अंगवस्त्र, मोमेंटो, स्वरचित श्रीदुर्गा चरित मानस एवं कोरोनाकालीन अंतरराष्ट्रीय साहित्य संचयन पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया गया।


कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार एवं स्वस्तिवाचन के साथ हुआ। मंच पर उलूपी झा, मनु शेखर, बाल भारती विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष पवन कुमार सर्राफ, उपाध्यक्ष अजय कुमार रूगंटा, समाजसेवी व नगर परिषद सभापति प्रतिनिधि प्रेमसागर उर्फ डब्लू यादव, डॉ. बी. एल. चौधरी सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे। सभी वक्ताओं ने भारतीय संस्कृति, परंपरा और सामाजिक समरसता को बनाए रखने पर बल दिया।


इस अवसर पर आकाशवाणी के प्रसिद्ध गायक बलवीर सिंह बग्घा ने भावपूर्ण गुरु वंदना प्रस्तुत की। वहीं विद्यालय की छात्राओं ने निभाष मोदी के नेतृत्व में स्वागत गान व तुलसी माता के गुणगान से कार्यक्रम को भक्तिमय बना दिया। परिचर्चा में माता बिहुला विषहरी की गाथा, उनके साहस और नवगछिया की सांस्कृतिक पहचान पर विस्तार से चर्चा की गई।


कार्यक्रम का संचालन चन्द्रगुप्त साह एवं पुरुषोत्तम कुमार ने संयुक्त रूप से किया। समापन पर आयोजकों ने सभी अतिथियों व सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए ऐसे आयोजनों को सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक एकता के लिए आवश्यक बताया।

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