भागलपुर जिले के सबौर थाना क्षेत्र से जमीन विवाद से जुड़ा एक गंभीर और चिंताजनक मामला सामने आया है। पीड़ित जगत कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि जमीन के सीमांकन के दौरान उन पर और उनके भाई पर जानलेवा हमला किया गया, लेकिन दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय अब उन्हें ही झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है।
पीड़ित के अनुसार, 15 दिसंबर 2025 की सुबह वह अपने भाई मनीष चंद्र के साथ तातपुर रंगा मौजा स्थित अपनी निजी जमीन की मापी कराने पहुंचे थे। सीमांकन की प्रक्रिया चल ही रही थी कि उसी गांव के कुछ लोग हरबे हथियार और लोहे की खंती लेकर वहां पहुंचे और दोनों भाइयों पर अचानक हमला कर दिया। हमलावरों के इस हिंसक हमले में जगत कुमार सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तत्काल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज अभी भी जारी है।
जगत कुमार सिंह का कहना है कि घटना के वक्त उन्होंने सबौर थानाध्यक्ष को फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी थी। इसके बाद थाने में कांड संख्या 439/25 दर्ज कराई गई, लेकिन पीड़ित का आरोप है कि अब तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि जब परिजनों ने थाना प्रभारी से संपर्क किया, तो घटना को बाइक एक्सीडेंट बताया गया, जो पूरी तरह से गलत और भ्रामक है।
पीड़ित ने स्पष्ट रूप से कहा कि उन पर हमला जमीन विवाद को लेकर हुआ था, न कि किसी दुर्घटना में। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि हमलावरों ने बदले की भावना से उन पर झूठा एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया है, ताकि वे दबाव में आ जाएं और न्याय की लड़ाई छोड़ दें।
इस पूरे मामले में पीड़ित की पत्नी ने वरीय पुलिस अधीक्षक को लिखित आवेदन देकर निष्पक्ष जांच की मांग की है। आवेदन मिलने के बाद पुलिस प्रशासन की ओर से जांच का आश्वासन दिया गया है। पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्हें न्यायपालिका और प्रशासन पर भरोसा है, लेकिन यदि समय रहते निष्पक्ष कार्रवाई नहीं हुई, तो उनकी जान को खतरा बना रहेगा।
फिलहाल यह मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर आरोपों की निष्पक्ष जांच कर पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाता है और दोषियों पर कब तक कार्रवाई होती है।
