भागलपुर के तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर अतिथि शिक्षक के चयन का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से नाराज डॉ. राजीव कुमार साह ने बुधवार को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के समक्ष धरना प्रदर्शन किया। धरने के दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए और चयन प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच की मांग की।
डॉ. राजीव कुमार साह का आरोप है कि समाजशास्त्र विषय में अतिथि शिक्षक की चयन प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की गई है। उन्होंने बताया कि एक महिला अभ्यर्थी ने फर्जी नॉन क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र का उपयोग कर ओबीसी महिला (OBCW) श्रेणी के अंतर्गत चयन प्राप्त किया, जबकि नियमों के अनुसार उनका चयन सामान्य कोटि में होना चाहिए था। डॉ. साह के अनुसार, गलत प्रमाण पत्र के आधार पर चयन होने से योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है।
इस मामले को लेकर डॉ. राजीव कुमार साह ने विश्वविद्यालय स्तर पर ही नहीं, बल्कि राजभवन, बिहार के मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा विभाग, विश्वविद्यालय के कुलपति और रजिस्ट्रार को भी लिखित शिकायत भेजी है। उनका कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद अब तक न तो जांच शुरू की गई और न ही कोई कार्रवाई की गई, जिससे उनकी नाराजगी और बढ़ गई है।
धरना प्रदर्शन के दौरान डॉ. साह ने कहा कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले में शीघ्र निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई नहीं करता है, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि विश्वविद्यालय की चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता से जुड़ा गंभीर मुद्दा है।
धरने की सूचना मिलते ही विश्वविद्यालय प्रशासन के कुछ अधिकारी मौके पर पहुंचे और डॉ. साह से बातचीत की। अधिकारियों ने मामले की जांच का आश्वासन दिया, हालांकि लिखित रूप से कोई ठोस निर्णय सामने नहीं आया।
यह मामला अब विश्वविद्यालय के साथ-साथ शिक्षा विभाग और राजभवन तक पहुंच चुका है। ऐसे में देखना होगा कि प्रशासन कब तक इस पूरे मामले की जांच कर सच्चाई सामने लाता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है। फिलहाल, टीएमबीयू में यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है और विश्वविद्यालय की छवि पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
