भारतीय घरेलू क्रिकेट के इतिहास में 2025–26 सत्र का पहला दिन बिहार क्रिकेट के लिए स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया। विजय हजारे ट्रॉफी के मुकाबले में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ बिहार क्रिकेट टीम ने ऐसा प्रदर्शन किया, जिसे आने वाले वर्षों तक याद रखा जाएगा। इस ऐतिहासिक मैच में बिहार ने न केवल जीत दर्ज की, बल्कि रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा दी। सबसे बड़ी चर्चा का केंद्र बने महज 14 वर्षीय बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी, जिन्होंने अपनी विस्फोटक पारी से पूरी क्रिकेट दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।
अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ खेले गए इस मुकाबले में बिहार ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 574 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। यह लिस्ट-ए क्रिकेट के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा टीम स्कोर है। इससे पहले यह रिकॉर्ड तमिलनाडु के नाम था, जिसने 2022 में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ 506 रन बनाए थे। बिहार ने उस रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ते हुए नया इतिहास रच दिया।
इस ऐतिहासिक पारी की शुरुआत युवा ओपनर वैभव सूर्यवंशी ने की। मात्र 14 वर्ष 272 दिन की उम्र में वैभव ने पुरुषों की लिस्ट-ए क्रिकेट में शतक जड़कर सबसे कम उम्र के शतकवीर बनने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर जहूर इलाही का 39 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया, जिन्होंने 1986 में 15 वर्ष 209 दिन की उम्र में सेंचुरी लगाई थी।
वैभव सूर्यवंशी ने शुरुआत से ही आक्रामक रुख अपनाया और अरुणाचल के गेंदबाजों पर कोई रहम नहीं दिखाया। उन्होंने सिर्फ 59 गेंदों में 150 रन पूरे कर पुरुषों की लिस्ट-ए क्रिकेट का सबसे तेज 150 भी बना दिया। उनकी 84 गेंदों में खेली गई 190 रन की विस्फोटक पारी में 16 चौके और 15 छक्के शामिल थे। वैभव की बल्लेबाजी ने न केवल रिकॉर्ड तोड़े, बल्कि दर्शकों को रोमांच से भर दिया।
वैभव की तूफानी पारी के बाद बिहार की बल्लेबाजी और भी खतरनाक होती चली गई। मध्यक्रम में विकेटकीपर बल्लेबाज आयुष लोहारुका ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सिर्फ 56 गेंदों में 116 रन बनाए। उनकी पारी में 11 चौके और 8 छक्के शामिल रहे। आयुष ने मैदान के चारों ओर आकर्षक शॉट्स लगाते हुए स्कोरबोर्ड को तेज़ी से आगे बढ़ाया।
इसके बाद मैदान पर आए बिहार टीम के कप्तान साकिबुल गनी, जिन्होंने आते ही इतिहास रच दिया। गनी ने महज 32 गेंदों में शतक पूरा कर पुरुषों की लिस्ट-ए क्रिकेट का सबसे तेज शतक लगाने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। उन्होंने 40 गेंदों पर नाबाद 128 रन की तूफानी पारी खेली, जिसमें 10 चौके और 12 छक्के शामिल थे। गनी की इस पारी ने अरुणाचल के गेंदबाजों को पूरी तरह तोड़कर रख दिया।
बिहार की इस ऐतिहासिक पारी में कुल 49 चौके और 38 छक्के लगाए गए। टीम ने पूरे 50 ओवर में 11.48 रन प्रति ओवर की अविश्वसनीय गति से बल्लेबाजी की, जो अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है। अरुणाचल प्रदेश के गेंदबाज इस तूफानी बल्लेबाजी के सामने पूरी तरह बेबस नजर आए और किसी भी गेंदबाज को लय नहीं मिल सकी।
574 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी अरुणाचल प्रदेश की टीम बिहार के मजबूत गेंदबाजी आक्रमण के सामने टिक नहीं सकी। पूरी टीम महज 42.1 ओवर में 177 रन पर सिमट गई। बिहार की ओर से आकाश राज और सूरज कश्यप ने तीन-तीन विकेट झटके, जबकि हिमांशु तिवारी ने दो अहम विकेट अपने नाम किए। इस तरह बिहार ने यह मुकाबला 397 रनों के बड़े अंतर से जीत लिया, जो लिस्ट-ए क्रिकेट की सबसे बड़ी जीतों में से एक है।
इस ऐतिहासिक जीत और रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन पर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हर्ष वर्धन ने टीम को बधाई दी। उन्होंने इसे बिहार क्रिकेट के लिए गर्व का क्षण बताया और कहा,
“यह प्रदर्शन खिलाड़ियों की निर्भीक सोच, अनुशासन और कोचिंग स्टाफ की निरंतर मेहनत का परिणाम है। वैभव सूर्यवंशी, साकिबुल गनी और आयुष लोहारुका की पारियां असाधारण थीं। आने वाले वर्षों में बिहार क्रिकेट और भी कई उपलब्धियां हासिल करेगा।”
कुल मिलाकर, यह मुकाबला न सिर्फ बिहार की जीत की कहानी है, बल्कि भारतीय घरेलू क्रिकेट में उभरती नई प्रतिभाओं की ताकत और आत्मविश्वास का प्रतीक भी है। खासकर 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने यह साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, अगर जज़्बा और हुनर हो तो इतिहास रचा जा सकता है।
