बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की बेरहमी से हत्या के बाद भारत में आक्रोश की लहर दौड़ गई है। इस दिल दहला देने वाली घटना को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। भागलपुर में भी हिंदू संगठनों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर बांग्लादेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दीपू चंद्र दास की हत्या कोई साधारण अपराध नहीं, बल्कि मानवता को शर्मसार करने वाला कृत्य है। उनका स्पष्ट कहना है कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को फांसी से कम कोई सजा मंजूर नहीं होगी। प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित लोगों ने बैनर और तख्तियां लेकर न्याय की मांग की और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचारों को लेकर चिंता जताई।
हिंदू संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि बांग्लादेश सरकार ने जल्द ही दोषियों के खिलाफ कठोर कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान भारत में रह रहे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर करने की मांग भी उठी। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नेताओं ने कहा कि सीमा पार से होने वाले अपराध और अत्याचारों को रोकने के लिए सख्त नीति अपनाने की जरूरत है।
संगठनों ने भारत सरकार से भी अपील की कि वह कूटनीतिक स्तर पर हस्तक्षेप कर बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे। उनका कहना है कि अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को किसी भी कीमत पर नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दीपू चंद्र दास की हत्या ने न सिर्फ बांग्लादेश बल्कि भारत में भी लोगों के दिलों में गहरा आक्रोश भर दिया है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस मामले में बांग्लादेश और भारत सरकार आगे क्या ठोस कदम उठाती हैं। लोगों की मांग है कि दोषियों को सख्त सजा दिलाने और पीड़ितों की सुरक्षा के लिए निर्णायक कार्रवाई की जाए।
