खबर बिहार के भागलपुर और आसपास के जिलों से है, जहां ठंड ने लोगों की दिनचर्या पूरी तरह बदल दी है। लगातार बढ़ती ठंड और शीतलहर के चलते आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। सुबह और रात के समय ठंड का प्रकोप इस कदर बढ़ गया है कि लोग अलाव और मोटी रजाइयों का सहारा लेने को मजबूर हैं। कोल्ड वेव ने पूरे जिले को अपनी गिरफ्त में ले लिया है और सड़कों पर सुबह के वक्त सन्नाटा पसरा नजर आ रहा है।
हालांकि इस भीषण ठंड के बीच भागलपुर में आस्था और परंपरा का एक बेहद अनोखा और भावनात्मक दृश्य भी देखने को मिल रहा है। इंसानों के साथ-साथ मंदिरों में विराजमान भगवान का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है। एसएसपी कार्यालय के समीप स्थित राम-सीता और शिव-पार्वती मंदिर में इन दिनों श्रद्धा से भरी एक अलग ही तस्वीर देखने को मिल रही है।
यहां मंदिर के पुजारी पंडित शम्भू झा रोजाना की तरह विधिवत पूजा-अर्चना और भोग अर्पित करने के बाद भगवान को ऊनी और गर्म वस्त्र पहनाते हैं। ठंड से बचाव के लिए भगवान के विग्रहों को स्वेटर, शॉल और अन्य गर्म कपड़ों से सजाया गया है। मंदिर परिसर में यह दृश्य देखकर श्रद्धालु भी भाव-विभोर हो जाते हैं और आस्था के इस स्वरूप की सराहना कर रहे हैं।
पुजारी पंडित शम्भू झा का कहना है कि जिस तरह हम अपने घर के बुजुर्गों, बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों का ठंड में विशेष ध्यान रखते हैं, उसी तरह भगवान का भी ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी है। उनके अनुसार भगवान हमारे परिवार का ही हिस्सा हैं, इसलिए ठंड के मौसम में उन्हें भी गर्म वस्त्र पहनाना आस्था और सेवा का प्रतीक है।
पुजारी ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि कड़ाके की ठंड को देखते हुए लोग अपने घरों में स्थापित देवी-देवताओं को भी गर्म कपड़े जरूर पहनाएं और मंदिरों में दीप-दान व सेवा के कार्य करें। भागलपुर में ठंड के बीच आस्था, परंपरा और भावनाओं से जुड़ा यह दृश्य लोगों के दिलों को छू रहा है और यह संदेश दे रहा है कि सर्दी चाहे जितनी भी हो, श्रद्धा की गर्माहट हमेशा बनी रहती है।
