बिहार निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए पटना जिले के मसौढ़ी अंचल कार्यालय में पदस्थापित राजस्व कर्मचारी राजा कुमार को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई मंगलवार को की गई, जिससे सरकारी दफ्तरों में फैले भ्रष्टाचार पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं।
निगरानी ब्यूरो से मिली जानकारी के अनुसार, जहानाबाद जिले के निवासी और परिवादी रविश कुमार ने पटना स्थित निगरानी अन्वेषण ब्यूरो कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी जमीन के परिमार्जन (रिकॉर्ड सुधार) के एवज में राजस्व कर्मचारी राजा कुमार द्वारा लगातार रिश्वत की मांग की जा रही है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए निगरानी ब्यूरो ने पूरे मामले का सत्यापन कराया।
सत्यापन के दौरान यह प्रमाणित हुआ कि आरोपी राजस्व कर्मचारी द्वारा वास्तव में जमीन परिमार्जन के नाम पर अवैध रूप से रिश्वत मांगी जा रही थी। आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए जाने के बाद निगरानी ब्यूरो ने कांड अंकित किया और पटना ब्यूरो के पुलिस उपाधीक्षक एवं अनुसंधानकर्ता मोहम्मद वसिम फिरोज के नेतृत्व में एक विशेष धावादल का गठन किया गया।
पूर्व नियोजित योजना के तहत धावादल ने मंगलवार को मसौढ़ी अंचल कार्यालय में छापेमारी की। जैसे ही परिवादी ने आरोपी को एक लाख रुपये की रिश्वत दी, निगरानी टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए राजस्व कर्मचारी राजा कुमार को रंगेहाथ पकड़ लिया। रिश्वत की राशि मौके से बरामद कर ली गई है।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी से निगरानी कार्यालय में पूछताछ की जा रही है। पूछताछ पूरी होने के बाद उसे पटना निगरानी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। इस कार्रवाई के बाद जिले के राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया है।
निगरानी ब्यूरो की इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है। ब्यूरो ने आम लोगों से अपील की है कि यदि किसी भी सरकारी कार्यालय में उनसे रिश्वत की मांग की जाती है, तो वे बिना भय के निगरानी विभाग में शिकायत दर्ज कराएं।
