सहरसा जिले के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा निर्मित जिला स्तरीय संसाधन एवं प्रशिक्षण केंद्र अब पूरी तरह से बनकर संचालित होने लगा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस अत्याधुनिक भवन का उद्घाटन 22 सितंबर 2025 को किया था और अब इसके शुरू होते ही जिले के पशुपालकों और किसानों में उत्साह देखने को मिल रहा है। ग्रामीण अवसंरचना सुविधा विकास निधि (RIDF) के अंतर्गत 10.9285 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह आधुनिक केंद्र जिले में पशुपालन और मत्स्य विकास को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 

दो मंजिला इस भवन को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। ऊपरी तल पर प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया है, जहां विभिन्न पशुपालन योजनाओं और आधुनिक तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी। वहीं निचले तल पर जिला पशुपालन कार्यालय का संचालन होगा, जिससे सभी विभागीय कार्य एक ही परिसर में आसानी से पूरे हो सकेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, भवन का निर्माण पूरा होने के बाद 21 नवंबर को इसे विभाग को हैंडओवर कर दिया गया था। फिलहाल बिजली कनेक्शन लगाने की प्रक्रिया जारी है, जिसके पूरा होते ही भवन 100% क्षमता के साथ संचालन में आ जाएगा।

 

पहले जिले में संसाधन भवन नहीं होने के कारण पशुपालकों को प्रशिक्षण के लिए भागलपुर, पटना या अन्य जिलों की यात्रा करनी पड़ती थी। इससे समय और खर्च दोनों बढ़ते थे, लेकिन अब स्थानीय स्तर पर ही बकरी पालन, मुर्गी पालन, सूकर पालन सहित विभिन्न योजनाओं का प्रशिक्षण उपलब्ध होगा। इससे जिले के हजारों पशुपालकों और किसानों को सीधा लाभ मिलने वाला है।

 

जिला पशुपालन पदाधिकारी साकेत कुमार ने बताया कि यह प्रशिक्षण केंद्र जिला स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि अब सभी पशुपालकों को एक ही परिसर में आधुनिक तकनीक, मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और सरकारी योजनाओं की संपूर्ण जानकारी मिलेगी। इसके अलावा, बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी बकरी पालन योजनाएं—20 प्लस 1, 40 प्लस 5, 200 प्लस 25 और 500 प्लस 25—भी यहीं से संचालित की जाएंगी। इन योजनाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं तथा किसानों के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

 

स्थानीय लोगों और किसानों ने आशा व्यक्त की है कि यह केंद्र जिले में पशुधन प्रबंधन, दुग्ध उत्पादन, पशु चिकित्सा सेवाओं और मत्स्य विकास में महत्वपूर्ण सुधार लेकर आएगा। साथ ही, इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और पशुपालन को एक टिकाऊ व्यवसाय के रूप में बढ़ावा मिलेगा।

 

इस केंद्र की शुरुआत ने सहरसा जिले को पशुपालन और मत्स्य विकास के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाने की दिशा में बड़ा कदम साबित किया है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *