जालौन के कुठौंद थाने में तैनात इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय (52) की संदिग्ध मौत अब एक पेचीदा रहस्य बन गई है। शुरुआती जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उन्होंने मामले को और ज्यादा उलझा दिया है। कॉल रिकॉर्ड, वीडियो चैट, पैसों के लेन-देन की मांग और निजी रिश्तों से जुड़े खुलासों ने पूरे पुलिस विभाग में हलचल पैदा कर दी है।
तीन दिनों में 100 से अधिक कॉल—ज्यादातर वीडियो चैट
जांच टीम ने इंस्पेक्टर और महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली तो पता चला कि घटना से पहले तीन दिनों में दोनों के बीच 100 से ज्यादा कॉल्स हुई थीं। इनमें अधिकांश वीडियो कॉल थीं। जांच टीम को कुछ वीडियो रिकॉर्डिंग भी मिली हैं। आरोप है कि मीनाक्षी शादी के खर्च के नाम पर इंस्पेक्टर से करीब 25 लाख रुपये की मांग कर रही थी। यह भी कहा गया कि वह इंस्पेक्टर को धमकी देती थी कि यदि रकम नहीं दी गई तो वीडियो उनकी पत्नी को भेज देगी। हालांकि मीनाक्षी ने इस आरोप से इंकार किया है।
घटना वाले दिन मेरठ से जालौन पहुंची मीनाक्षी
सूत्रों के अनुसार, घटना वाली रात मीनाक्षी मेरठ से एक सिपाही अंकित के साथ जालौन आई थी। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह इंस्पेक्टर के निजी रिश्ते में थी, लेकिन ब्लैकमेलिंग की बात को नकार दिया। उसका कहना है कि जब वह पहुंची, तब इंस्पेक्टर कमरे में घायल अवस्था में पड़े थे। सबसे बड़ा सवाल यह है कि वह रात में अचानक वहां क्यों पहुंची—इस पर वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाई।
कॉल डिटेल में और भी कई खुलासे
जांच टीम ने मीनाक्षी के पास से तीन मोबाइल और चार सिम बरामद किए हैं। कॉल रिकॉर्ड में पता चला है कि वह सिर्फ इंस्पेक्टर राय ही नहीं, बल्कि कई अन्य अधिकारियों से भी नियमित संपर्क में रहती थी। इससे पुलिस विभाग में खलबली मच गई है। क्या यह किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा है या फिर व्यक्तिगत संबंधों का ही मामला—इस पर भी जांच जारी है।
मच्छरदानी के भीतर खून से सना मिला शव
घटना की रात इंस्पेक्टर का शव उनके आवास के भीतर मच्छरदानी के अंदर खून से लथपथ मिला था। उनकी सर्विस पिस्टल उनके सीने पर पड़ी थी। यह दृश्य खुद ही कई सवाल खड़े करता है—क्या यह आत्महत्या थी, आकस्मिक घटना या फिर किसी और स्क्रिप्ट का हिस्सा?
मार्च 2024 से जुड़े थे दोनों के रिश्ते
सूत्रों के मुताबिक, दोनों का रिश्ता मार्च 2024 में जुड़ा, जब दोनों की पोस्टिंग एक ही थाने में हुई थी। शुरू में बढ़ती नजदीकियां धीरे-धीरे विवाद, दबाव और तनाव में बदल गईं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि अंततः इंस्पेक्टर की जान चली गई।
थाना प्रभारी का सरकारी आवास सील, तीन सदस्यीय टीम जांच में जुटी
फिलहाल इंस्पेक्टर का आवास सील कर दिया गया है। मीनाक्षी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। वहीं इंस्पेक्टर की पत्नी ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। एक तीन सदस्यीय विशेष टीम इस पूरी घटना की परत-दर-परत जांच कर रही है।
कई सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं—क्या यह निजी संबंधों की टूटन का नतीजा है, दबाव का असर, या फिर किसी और बड़ी साजिश का हिस्सा? जांच के आगे बढ़ने से ही इस जटिल मौत की असली कहानी सामने आ सकेगी।
