filter: 0; fileterIntensity: 0.0; filterMask: 0; captureOrientation: 0; hdrForward: 0; algolist: 0; multi-frame: 1; brp_mask:0; brp_del_th:null; brp_del_sen:null; delta:null; module: video;hw-remosaic: false;touch: (-1.0, -1.0);sceneMode: null;cct_value: 0;AI_Scene: (-1, -1);aec_lux: 0.0;aec_lux_index: 0;HdrStatus: off;albedo: ;confidence: ;motionLevel: -1;weatherinfo: null;temperature: 40;

 

भागलपुर जिला परिषद में अध्यक्ष पद खाली होने का मुद्दा अब गंभीर रूप ले चुका है। जिला परिषद उपाध्यक्ष प्रणब कुमार ने इस मामले को लेकर जिला अधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी को एक औपचारिक ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने डीएम से आग्रह किया है कि अध्यक्ष पद के रिक्त रहने से जिले के विकास कार्य बाधित हो रहे हैं, इसलिए प्रशासन तत्काल आवश्यक कदम उठाए।

 

ज्ञापन में उपाध्यक्ष प्रणब कुमार ने स्पष्ट किया कि वर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष मिथुन कुमार नाथनगर विधानसभा से विधायक चुने जाने के बाद से अध्यक्ष का पद रिक्त पड़ा है। उनके विधायक बनने के बाद से यह पद लगातार खाली है और जिला परिषद की कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाएँ प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष का पद खाली रहने से योजनाओं की स्वीकृति, निधि आवंटन और विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। इसका सीधा असर ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर पड़ रहा है।

 

प्रणब कुमार ने बताया कि जिला परिषद की कई महत्वपूर्ण योजनाएँ अधर में लटकी हुई हैं। ग्रामीण सड़कों का निर्माण, शौचालय योजनाएँ, पेयजल परियोजनाएँ और अन्य विकासात्मक कार्यों के लिए स्वीकृति जरूरी है, लेकिन अध्यक्ष के अभाव में ये प्रक्रियाएँ आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण जनता इन योजनाओं के ठप होने से परेशान है और लगातार शिकायतें मिल रही हैं।

 

उपाध्यक्ष ने अपने ज्ञापन में मांग की कि जब तक जिला परिषद की बैठक आयोजित करके नया अध्यक्ष नहीं चुना जाता, तब तक उन्हें अध्यक्ष का दायित्व सौंप दिया जाए। उन्होंने कहा कि उपाध्यक्ष होने के नाते वे सभी आवश्यक कार्यों को नियमित रूप से आगे बढ़ाने में सक्षम हैं और विकास योजनाओं को रफ्तार देने के लिए तैयार हैं। उनका कहना है कि प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाना फिलहाल सबसे जरूरी है, ताकि जिले में चल रही विकास योजनाएँ रुकावटों से मुक्त होकर आगे बढ़ सकें।

 

प्रणब कुमार ने यह भी कहा कि भागलपुर जैसे बड़े जिले में जिला परिषद का अध्यक्ष पद खाली रहना विकास की दृष्टि से सही नहीं है। उन्होंने कहा कि जिला परिषद का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में विकास का संचालन और निगरानी करना है, और अध्यक्ष की अनुपस्थिति में यह जिम्मेदारी अधूरी रह जाती है। उन्होंने डीएम से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है ताकि स्थिति को संभाला जा सके।

 

अध्यक्ष पद लंबे समय से खाली रहने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों और पंचायत प्रतिनिधियों में भी नाराज़गी है। कई सदस्यों का कहना है कि चुनाव के बाद से जिला परिषद की गतिविधियाँ लगभग ठप हैं और इससे जनता को नुकसान हो रहा है।

डीएम को सौंपे गए इस ज्ञापन के बाद उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन जल्द ही इस मामले में निर्णय लेगा।

 

भागलपुर जिला परिषद में अध्यक्ष पद को लेकर चल रही यह स्थिति अब पूरे जिले के विकास के लिए महत्वपूर्ण मोड़ बन चुकी है, और जनता को भी प्रशासनिक पहल का इंतजार है।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *