नए साल के जश्न में अब केवल कुछ ही दिन शेष हैं। देशभर में लोग इस मौके को उल्लास और मस्ती के साथ मनाने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि बिहार में यह उत्सव कुछ अलग अंदाज़ में मनाया जाता है, क्योंकि राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू है। शराब का सेवन हो या बिक्री—दोनों पर सख्त प्रतिबंध है। इसके बावजूद हर साल कुछ लोग चोरी-छिपे शराब पीने, लाने या सप्लाई करने की कोशिश करते हैं।
इस अवैध गतिविधि का सबसे बड़ा कारण पड़ोसी राज्य झारखंड है, जहां देशी और विदेशी शराब आसानी से उपलब्ध होती है। सीमावर्ती इलाकों से कई लोग वहां से शराब खरीदकर बिहार में लाने की कोशिश करते हैं। कई बार ये कोशिशें पुलिस की पैनी नजर में आ जाती हैं और आरोपी पकड़े जाते हैं। नए साल के दौरान ऐसी चहल-पहल और तस्करी बढ़ने की आशंका को देखते हुए कहलगांव अनुमंडल प्रशासन पूरी तरह अलर्ट हो गया है।
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (डीएसपी) **कल्याण आनंद** ने बताया कि शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने और तस्करी पर रोक लगाने के लिए खास रणनीति बनाई गई है। सन्हौला थाना क्षेत्र के **पोठिया–बैसा चेकपोस्ट** पर विशेष पुलिस बल को तैनात किया गया है। इस चेकपोस्ट पर आने-जाने वाले सभी छोटे-बड़े वाहनों की बारीकी से जांच की जा रही है। दोपहिया वाहन, कारें, ऑटो और मालवाहक ट्रकों तक—किसी को भी बिना जांच नहीं छोड़ा जा रहा है।
इसी तरह सनोखर थाना क्षेत्र के **साहूपाड़ा चेकपोस्ट** पर भी 24 घंटे पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे। अधिकारियों ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि रात हो या दिन, हर वाहन की जांच अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। पुलिस की मोबाइल टीमों को भी सक्रिय कर दिया गया है, जो संदिग्ध इलाकों में गश्त कर रही हैं।
डीएसपी कल्याण आनंद ने यह भी कहा कि यदि कोई पुलिसकर्मी ड्यूटी में लापरवाही करते पाया गया, तो उस पर विभागीय कार्रवाई तय है। प्रशासन का उद्देश्य है कि नए साल के दौरान किसी भी कीमत पर शराबबंदी कानून का उल्लंघन न हो और सामाजिक माहौल शांतिपूर्ण बना रहे। उन्होंने लोगों से अपील की कि नए साल का जश्न संयम के साथ मनाएं और कानून का सम्मान करें।
प्रशासन को उम्मीद है कि सख्त निगरानी और चौकसी के चलते शराब तस्करी पर रोक लगेगी और नए साल का स्वागत सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण में किया जा सकेगा।
