सहरसा जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ दहेज की अंधी लालसा ने एक और बेटी की जिंदगी छीन ली। कनड़िया गांव के एक परिवार की खुशियाँ सात महीने पहले शुरू हुई थीं, जब पिता ने अपनी बड़ी बेटी प्रीतम कुमारी की शादी धूमधाम से की थी। परिवार ने रिश्ता निभाने के लिए पाँच लाख रुपये का दहेज भी दिया था। लेकिन दुर्भाग्य से यह नई जिंदगी उसकी खुशियों की शुरुआत नहीं, बल्कि प्रताड़ना का सिलसिला बन गई।
शादी के कुछ ही समय बाद ससुराल पक्ष द्वारा अतिरिक्त दहेज की माँगें शुरू हो गईं। पहले मोटरसाइकिल की मांग रखी गई। मजबूर होकर लड़की के पिता ने एक लाख बीस हजार रुपये देकर किसी तरह मामला शांत कराया। लेकिन लालच यहीं नहीं रुका। कुछ दिन पहले पति पक्ष की तरफ से 35 हजार रुपये का मोबाइल फोन खरीदने के लिए नया दवाब बनाया जाने लगा। पिता ने कुछ समय माँगा, लेकिन प्रताड़ना जारी रही।
इसी बीच बीते दिनों अचानक पिता को सूचना मिली कि उनकी बेटी की मौत हो गई है। घटना पर संदेह होने पर उन्होंने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुँची, शव को अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। वहीं, मृतका के पति सहित पूरा ससुराल पक्ष घर छोड़कर फरार बताया जा रहा है।
घटना को हुए आधा महीना बीत चुका है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि आरोपी अब भी खुलेआम घूम रहे हैं। इससे आहत होकर आज पीड़िता के पिता ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुँचकर एक लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने आरोप लगाया कि बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था और अब आरोपी उनकी ही जान को भी धमकी दे रहे हैं।
पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए छापेमारी में जुटी है।
यह घटना एक बार फिर सवाल खड़ा करती है—**कब तक बेटियाँ दहेज की बलि चढ़ती रहेंगी? कब तक लालच के सामने कानून असहाय बना रहेगा?
