सहरसा जिले के सौरबाजार थाना क्षेत्र में एक गंभीर घटना ने हड़कंप मचा दिया है। गांधी पथ वार्ड 39, सहरसा निवासी 45 वर्षीय मनोज कुमार साह की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। मनोज कई वर्षों से सौरबाजार में कबाड़ी की दुकान चला रहे थे। उनकी मौत के बाद परिजन और स्थानीय लोग पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए न्याय की मांग कर रहे हैं।
परिवार और ग्रामीणों का आरोप है कि दो दिन पहले सौरबाजार पुलिस मनोज की दुकान पर पहुंची और “बाड़ा बाबू बुलाए हैं” कहते हुए उन्हें थाने ले गई। आरोप है कि पुलिस ने मनोज को चोरी के शक में हाजत में रखा और छोड़ने के लिए दो लाख रुपये की मांग की। पैसे नहीं देने पर मनोज के साथ रात में मारपीट की गई, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई।
परिजनों के अनुसार, मनोज को पहले सदर अस्पताल में हल्की दवा देकर छुट्टी दे दी गई। इसके बाद उन्हें निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, लेकिन बुधवार सुबह उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजन और ग्रामीणों ने सड़क जाम की चेतावनी देते हुए न्याय की मांग में विरोध प्रदर्शन किया।
वहीं, सौरबाजार थाना प्रभारी ने सभी आरोपों से इनकार किया है। उनका कहना है कि बिजली विभाग की FIR पर कार्रवाई की गई थी, जिसमें चोरी के आरोपित ने मनोज को तार बेचने की बात स्वीकार की थी। थाना प्रभारी ने बताया कि मनोज हार्ट और किडनी की पुरानी बीमारी से ग्रसित थे। उनके अनुसार, तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल से जाने दिया गया था।
घटना के बाद परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग की है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सकेगा। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच का आदेश दिया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जानी चाहिए और अगर दोष साबित होता है, तो कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, इस घटना ने इलाके में पुलिस के प्रति आम जनता के विश्वास पर सवाल खड़ा कर दिया है।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस की हाजत और गिरफ्तारी के दौरान उचित देखभाल और मानवीय व्यवहार कितने जरूरी हैं। पुराने रोगों से पीड़ित व्यक्ति की गंभीर स्थिति में किसी भी तरह की अनदेखी खतरनाक साबित हो सकती है।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग ने मामले की गहन जांच का भरोसा दिया है और कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और घटनाक्रम के तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, परिजन और ग्रामीण न्याय की मांग कर रहे हैं और चाहते हैं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
यह मामला न केवल सौरबाजार बल्कि पूरे जिले में पुलिस और आम जनता के बीच विश्वास और जिम्मेदारी की महत्वपूर्ण याद दिलाता है।
