भागलपुर एवं किशनगंज जिले में निगरानी विभाग ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। जमीन परिमार्जन (म्यूटेशन) के नाम पर 2 लाख 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगने वाले राजस्व कर्मचारी राजदीप पासवान को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई खगड़ा निवासी शिकायतकर्ता ओवेस अंसारी द्वारा दी गई लिखित शिकायत के आधार पर की गई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि राजस्व कर्मचारी जमीन म्यूटेशन के बदले भारी घूस की अवैध मांग कर रहा था।
शिकायत मिलने के बाद निगरानी विभाग ने पूरे मामले की गुप्त रूप से जांच शुरू की। जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर निगरानी विभाग ने ट्रैप प्लान तैयार किया और सात सदस्यीय टीम को किशनगंज भेजा। मंगलवार को टीम ने प्रखंड कार्यालय क्षेत्र में छापेमारी की। इसी दौरान अभिषेक होटल के पास राजस्व कर्मचारी राजदीप पासवान घूस की रकम ले रहा था, तभी निगरानी विभाग की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
टीम के अनुसार, घूस लेते ही आरोपी कर्मचारी भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन सतर्क अधिकारियों ने तुरंत उसे काबू कर लिया। मौके से घूस की राशि भी बरामद की गई है, जिसे मामले की अहम जब्ती के रूप में सुरक्षित किया गया। कार्रवाई इतनी सटीक और तेज थी कि मौके पर उपस्थित लोग हैरान रह गए और पूरे प्रखंड कार्यालय क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
निगरानी विभाग के डीएसपी विनोद कुमार ने प्रेस को बताया कि शिकायत सही पाए जाने पर योजनाबद्ध तरीके से छापेमारी की गई और आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि विभाग भ्रष्टाचार के मामलों में बेहद सख्त रुख अपनाए हुए है और भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। उनका कहना था कि सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाए रखना विभाग की प्राथमिकता है, और किसी भी कर्मचारी को रिश्वत लेने या किसी भी प्रकार की अनियमितता करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
घटना की जानकारी फैलते ही प्रखंड कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों और स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। अचानक हुई कार्रवाई ने न केवल पूरे प्रशासनिक तंत्र को झकझोर दिया, बल्कि उन लोगों में भी उम्मीद जगाई है जो वर्षों से भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे थे।
गिरफ्तार किए गए राजस्व कर्मचारी राजदीप पासवान को बुधवार को भागलपुर जिला न्यायिक कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ कानूनी प्रक्रिया के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। निगरानी विभाग की इस सफल कार्रवाई को आम जनता ने सराहा है और उम्मीद जताई है कि इससे भविष्य में भ्रष्टाचारियों में डर पैदा होगा और सरकारी कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी।
