भागलपुर में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती बड़े ही धूमधाम और श्रद्धाभाव के साथ मनाई गई। इस अवसर पर पूर्व विधायक अजीत शर्मा के आवास स्थित कांग्रेस कैंप कार्यालय में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और स्थानीय लोग मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. राजेंद्र प्रसाद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। पूर्व विधायक अजीत शर्मा ने उनके तैलचित्र पर फूल चढ़ाकर राष्ट्रनिर्माण में उनके योगदान का स्मरण किया।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी बारी-बारी से पुष्पांजलि अर्पित कर भारत के प्रथम राष्ट्रपति के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। देश की स्वतंत्रता और संविधान निर्माण में डॉ. प्रसाद की भूमिका को याद करते हुए सभी ने उन्हें राष्ट्र के महानायक के रूप में नमन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद अनुशासन, सादगी, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के प्रतिमान थे। उनके जीवन से हर भारतीय को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश तभी सही दिशा में आगे बढ़ सकता है, जब हम उनके आदर्शों और सिद्धांतों को अपनाएँ। डॉ. प्रसाद का जीवन इस बात का संदेश देता है कि सार्वजनिक जीवन में मर्यादा, सत्यनिष्ठा और सेवा का भाव अत्यंत महत्वपूर्ण है।
अपने संबोधन के दौरान अजीत शर्मा ने केंद्र सरकार पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा NDA सरकार जनता को गुमराह कर देश को गलत दिशा में ले जा रही है। उन्होंने कहा कि गरीबों के अधिकारों की रक्षा करने के बजाय उनके आशियानों पर बुलडोजर चलवाया जा रहा है। शर्मा ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर बिहार में भी गरीबों को बेघर किया जा रहा है।
उन्होंने सवाल उठाया कि यदि सरकार किसी प्रकार की कार्रवाई करना ही चाहती है, तो पहले गरीबों को रहने के लिए सुरक्षित जमीन और वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराए, उसके बाद ही कोई प्रशासनिक कदम उठाए। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर तत्काल प्रभावी कदम उठाने की मांग की, ताकि गरीब और वंचित वर्ग परेशानी का सामना न करें।
अजीत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी गरीबों, मजदूरों और आम जनता के अधिकारों की लड़ाई हमेशा लड़ती रही है और आगे भी लड़ती रहेगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे डॉ. राजेंद्र प्रसाद के आदर्शों को आत्मसात कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प लें।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित लोगों ने देश की एकता, सामाजिक न्याय और संविधान की मूल भावना को सशक्त करने का संकल्प लिया।
