भागलपुर के नाथनगर में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की ओर से चार दिवसीय विशेष आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत कर दी गई है। यह प्रशिक्षण बालिका उच्च विद्यालय, अल्पसंख्यक छात्रावास परिसर में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें सहरसा और मुजफ्फरपुर जिले से आई 131 महिला गृह रक्षक हिस्सा ले रही हैं। यह कार्यक्रम 2 दिसंबर से 5 दिसंबर तक चलेगा। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य महिला गृह रक्षकों को आपदा की स्थिति में त्वरित, सुरक्षित और प्रभावी राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सक्षम बनाना है।

 

प्रशिक्षण कार्यक्रम को दो हिस्सों—क्लासरूम सत्र और ग्राउंड प्रैक्टिकल—में विभाजित किया गया है। क्लासरूम सत्र में विशेषज्ञ प्रशिक्षक बाढ़, भूकंप, अगलगी और अन्य आपदाओं के दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षात्मक उपायों, रिस्क मैनेजमेंट और प्राथमिक सुरक्षा प्रक्रियाओं की जानकारी दे रहे हैं। प्रशिक्षक टीम द्वारा आपातकालीन संचार व्यवस्था, रेस्क्यू टीम की संरचना और राहत कार्यों की रणनीति जैसी महत्वपूर्ण बातों को विस्तार से समझाया जा रहा है।

 

ग्राउंड प्रैक्टिकल सत्र के दौरान प्रतिभागियों को आपदा राहत से जुड़े कई महत्वपूर्ण कौशल सिखाए जा रहे हैं। प्रशिक्षकों ने घायल व्यक्ति को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की विधि, घरेलू उपकरणों की मदद से त्वरित सहायता कैसे दी जाए, और प्राथमिक उपचार (फर्स्ट एड) की तकनीकों का लाइव डेमो दिया। महिला गृह रक्षकों को स्ट्रेचर का सही उपयोग, CPR यानी हृदय-फेफड़ा पुनर्जीवन तकनीक, तथा आग बुझाने वाले उपकरणों—जैसे फायर एक्सटिंग्विशर—का सुरक्षित और प्रभावी उपयोग भी सिखाया गया।

 

SDRF अधिकारियों का कहना है कि यह प्रशिक्षण केवल तकनीकी या भौतिक कौशल पर ही आधारित नहीं है, बल्कि प्रतिभागियों की मानसिक तैयारी पर भी जोर दिया जा रहा है। आपदा की स्थिति में लोगों को शांत रखना, सही दिशा-निर्देश देना, सीमित संसाधनों का बेहतर उपयोग करना और टीमवर्क बनाए रखना—ये कौशल भी प्रशिक्षण का अहम हिस्सा हैं। अधिकारी ने बताया कि महिला गृह रक्षक आपदा की स्थिति में न केवल राहत—बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने और सुरक्षा उपायों को लागू करवाने में भी प्रभावी योगदान दे सकती हैं।

 

प्रशिक्षण में शामिल प्रतिभागियों ने इसे अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक बताया। उनका कहना है कि इस तरह की ट्रेनिंग से जिम्मेदारी और आत्मविश्वास दोनों बढ़ता है और आपदा के दौरान किसी भी चुनौती से निपटने की क्षमता विकसित होती है।

 

नाथनगर में चल रहा यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम SDRF के उस मिशन को आगे बढ़ाता है, जिसका उद्देश्य आपदा प्रबंधन को जमीनी स्तर पर अधिक मजबूती देना और स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित बल तैयार करना है, ताकि किसी भी संकट की घड़ी में त्वरित प्रतिक्रिया संभव हो सके।

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