भागलपुर के नारायणपुर इलाके में पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। हाल के दिनों में भवानीपुर थाना के एक पुलिस पदाधिकारी और होमगार्ड जवानों के बीच अवैध वसूली के पैसों के बंटवारे को लेकर हुए विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो के प्रसारित होते ही यह मामला पूरे नवगछिया पुलिस जिला में सनसनी का विषय बन गया, जिसके बाद एसपी प्रेरणा कुमार ने तुरंत कठोर कार्रवाई का निर्देश जारी किया।

 

वायरल वीडियो में पुलिस वाहन के अंदर अवैध वसूली से प्राप्त पैसों को लेकर आपसी कहासुनी और बहस साफ-साफ सुनी जा सकती है। वीडियो में व्यक्त की गई बातें इतने स्पष्ट रूप से सामने आईं कि मामले की गंभीरता को देखते हुए नवगछिया एसपी ने तत्काल एसडीपीओ ओम प्रकाश कुमार को जांच का जिम्मा सौंपा। एसडीपीओ की जांच में वीडियो में कही गई बातें सत्य पाई गईं, जिसके आधार पर कार्रवाई की प्रक्रिया तेज कर दी गई।

 

जांच रिपोर्ट के आधार पर भवानीपुर थाना में कार्यरत पुलिस निरीक्षक वारिस खान को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, अवैध वसूली में शामिल पाए गए दो होमगार्ड जवान—संदीप कुमार और गुड्डन मंडल—को लाइन हाजिर कर दिया गया है। साथ ही इन दोनों के खिलाफ आगे की प्रशासनिक कार्रवाई के लिए जिला पदाधिकारी भागलपुर को औपचारिक पत्र भी भेज दिया गया है।

 

यह मामला इसलिए भी गंभीर माना जा रहा है क्योंकि जो विवाद और बहस पुलिस वाहन के भीतर हुई, वह न केवल विभागीय अनुशासन का उल्लंघन है बल्कि कानून-व्यवस्था की मूल भावना के खिलाफ भी है। आम जनता की सुरक्षा और कानून पालन सुनिश्चित करने वाली पुलिस के बीच अवैध वसूली जैसे कृत्य का उजागर होना विभाग की साख पर चोट करने वाला है। वायरल वीडियो में यह भी स्पष्ट रूप से दिखा कि पैसों के बंटवारे को लेकर आपसी तनाव किस हद तक बढ़ गया था, जिसके चलते पुलिस पदाधिकारियों की वास्तविक नीयत सामने आ गई।

 

एसपी प्रेरणा कुमार ने स्पष्ट किया कि पुलिस विभाग में किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार या अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएँ पुलिस-जनता संबंधों को नुकसान पहुँचाती हैं और विभाग की छवि धूमिल करती हैं। इसलिए दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाना आवश्यक है ताकि भविष्य में कोई भी पुलिसकर्मी ऐसी गतिविधियों में शामिल होने का साहस न कर सके।

 

स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर व्यापक प्रतिक्रिया देखने को मिली है। लोग मांग कर रहे हैं कि ऐसी घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई जारी रहे और पुलिस विभाग में पारदर्शिता बढ़े। फिलहाल, विभागीय कार्रवाई के बाद इस मामले की निगरानी जारी है, और आगे भी दोषियों पर सख्त कानूनी कदम उठाए जाने की संभावना बनी हुई है।

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