भागलपुर शहर को जाममुक्त और अतिक्रमण-रहित बनाने के लक्ष्य के साथ जिला प्रशासन एक्शन मोड में उतर आया है। शहर के भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में निरंतर लग रहे जाम और बढ़ते अतिक्रमण पर रोक लगाने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान शुरू किया गया है। प्रशासन की संयुक्त टीम मंगलवार से चरणबद्ध कार्रवाई में जुट गई है। इसके तहत दुकानदारों, फुटपाथ विक्रेताओं और वाहन चालकों को माइकिंग के माध्यम से चेतावनी दी जा रही है कि वे स्वयं अतिक्रमण हटाएँ, अन्यथा सामान जब्त करने और भारी जुर्माने की कार्रवाई तय है।
जिला प्रशासन ने शहर के 15 प्रमुख मार्गों की पहचान की है, जहाँ रोजाना जाम की गंभीर समस्या देखने को मिलती है। इन मार्गों को अतिक्रमण-मुक्त करने के लिए विस्तृत रोस्टर तैयार किया गया है ताकि नियमित रोटेशन के आधार पर कार्रवाई की जा सके और अतिक्रमण दोबारा न पनप सके।
तिलकामांझी थाना क्षेत्र में मंगलवार को बड़े पैमाने पर अभियान चलाया गया। यातायात डीएसपी संजय कुमार, सिटी मैनेजर असगर अली, अतिक्रमण शाखा प्रभारी जयप्रकाश यादव, स्थानीय थाना पुलिस और अतिरिक्त बल की संयुक्त टीम ने सड़क किनारे फैले व्यापारिक अतिक्रमण और अवैध पार्किंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। इस दौरान नगर निगम, ट्रैफिक पुलिस और जिला प्रशासन की टीम ने मिलकर करीब 50 हजार रुपये का जुर्माना वसूला, जबकि अवैध रूप से सड़क पर खड़े वाहनों के चालान भी काटे गए।
तिलकामांझी चौक समेत अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों पर नगर निगम द्वारा माइकिंग कर दुकानदारों को स्पष्ट रूप से चेताया गया कि वे सड़क पर फैलाए गए शेड, रैक, ठेला, खोमचा, देहली या नाली पर किए गए कब्जे को तुरंत हटाएँ। सिटी मैनेजर असगर अली ने कहा कि यदि अतिक्रमण हटाए जाने के बाद भी वही स्थिति दोबारा पाई जाती है, तो संबंधित दुकानदारों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा और सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
उन्होंने बताया कि बहुत जल्द भागलपुर स्टेशन से तातारपुर चौक तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस बार तातारपुर की प्रसिद्ध “बिस्किट वाली गली” भी प्रशासन की विशेष निगरानी में है, जहाँ पीसीसी सड़क पर दुकानदारों द्वारा अवैध कब्जा जमा लेने की शिकायतें मिलती रही हैं। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इस क्षेत्र में भी किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
शहरवासियों की अब निगाहें प्रशासन की इस मुहिम के असर पर टिकी हुई हैं। लोगों की उम्मीद है कि यह कार्रवाई केवल कुछ दिनों तक सीमित न रहकर स्थायी समाधान का मार्ग प्रशस्त करेगी। सवाल यह भी है कि क्या भागलपुर की सड़कों पर फैल चुकी अव्यवस्था को वास्तव में नियंत्रित किया जा सकेगा, या फिर कुछ समय बाद स्थिति फिर से पहले जैसी ही हो जाएगी। फिलहाल, प्रशासन का यह कठोर अभियान शहर में व्यवस्था और अनुशासन लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
