सहरसा के सदर अस्पताल में सोमवार की सुबह चोरी की बड़ी घटना को सुरक्षा गार्डों की सतर्कता ने विफल कर दिया। अस्पताल परिसर में रखे लोहे के बड़े सरिया को बाहर ले जाने के प्रयास में एक ई-रिक्शा चालक को रंगे हाथों पकड़ लिया गया। घटना के तुरंत बाद सुरक्षा कर्मियों ने डायल 112 पर सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर आरोपी को हिरासत में ले गई।
पकड़े गए ई-रिक्शा चालक की पहचान नगर निगम क्षेत्र के महावीर चौक, रूपवती कन्या उच्च विद्यालय के पास रहने वाले अखिलेश सिंह के रूप में की गई है। पूछताछ में अखिलेश ने बताया कि वह किसी मरीज को छोड़ने के लिए अस्पताल आया था। इसी दौरान अस्पताल के एक सफाईकर्मी ने उसे लोहे का सरिया रिक्शा में लादने और बाहर ले जाने के लिए बहलाया-फुसलाया। चालक के अनुसार, सफाईकर्मी खुद उसे निर्देश देता रहा, लेकिन जैसे ही सुरक्षा कर्मियों ने उसे रोकने का प्रयास किया, वह सफाईकर्मी मौके से फरार हो गया।
सिक्योरिटी सुपरवाइजर संजीव कुमार ने बताया कि नियमित गश्त के दौरान उन्हें ई-रिक्शा को देख संदेह हुआ। जब गार्डों ने उसकी तलाशी ली, तो उस पर अस्पताल के कैंपस में रखा लोहे का सरिया लदा मिला। संजीव कुमार ने कहा कि सरिया अस्पताल भवन की मरम्मत से संबंधित सामग्री थी, जिसे चोरी कर बाहर ले जाया जा रहा था। तत्काल सुरक्षा टीम ने चालक को पकड़कर पुलिस को सूचित किया।
सूचना मिलते ही डायल 112 की टीम सदर अस्पताल पहुंची। सहायक अवर निरीक्षक ने बताया कि चोरी से जुड़े इस मामले में एक आरोपी को पकड़कर थाना ले जाया गया है और ई-रिक्शा को भी जब्त कर लिया गया है। पुलिस का कहना है कि पूरे प्रकरण की जांच की जाएगी और यह भी पता लगाया जाएगा कि इसमें अस्पताल के और कौन-कौन कर्मचारी शामिल हो सकते हैं।
अस्पताल प्रशासन की ओर से भी मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल परिसर में पिछले कुछ महीनों से चोरी की छोटी-मोटी घटनाएँ सामने आती रही हैं, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने पर काम किया जा रहा है। इस घटना के बाद परिसर में तैनात सुरक्षा गार्डों की संख्या बढ़ाने और रात्रि गश्ती को सख्त करने की भी बात कही जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थान पर चोरी की कोशिश बेहद शर्मनाक है। यदि सुरक्षा कर्मी समय पर न पकड़ते, तो बड़ी मात्रा में अस्पताल का सामान बाहर पहुंच जाता। वहीं दूसरी ओर, ई-रिक्शा चालक का कहना है कि उसे फंसाया गया है और अस्पताल के अंदरूनी कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना ऐसी चोरी संभव नहीं।
फिलहाल पुलिस मामले में आगे की जांच में जुटी है और सफाईकर्मी की तलाश की जा रही है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि प्रमाणों के आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
