सहरसा जिले के सलखुआ थाना क्षेत्र में रविवार तड़के एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। सलखुआ वार्ड नंबर 3 निवासी 23 वर्षीय गौरव कुमार की मौत उस समय हो गई, जब वह अपनी चचेरी बहन की शादी समारोह से घर लौट रहा था। सुबह करीब चार बजे घने कुहासे की वजह से सड़क का दृश्य स्पष्ट नहीं था। इसी दौरान बनमा–इटहरी मार्ग पर बाइक मोड़ने के क्रम में उसकी मोटरसाइकिल अनियंत्रित होकर सड़क किनारे बने गहरे गड्ढे में जा गिरी।

 

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गड्ढे में पानी भरा हुआ था और उसके ऊपर मोटी भाखन (दलदलनुमा मिट्टी की परत) की परत जमी हुई थी, जिससे गड्ढा ऊपर से समतल जैसा दिख रहा था। बाइक सीधे उसी परत को तोड़कर नीचे पानी में फँस गई। दुर्भाग्य से गौरव भी उसके साथ गहरे पानी में दब गया और बाहर निकल नहीं पाया।

 

घटना को देखकर रास्ते से गुजर रहे राहगीरों ने तुरंत स्थानीय लोगों को आवाज देकर मदद मांगी। गाँव वालों ने सामूहिक प्रयास से युवक को निकालने की कोशिश की, लेकिन गड्ढे की गहराई और पानी–भाखन की मोटी परत के कारण बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण बना रहा। करीब चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद गौरव को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं। मौके पर मौजूद लोगों ने इस दर्दनाक दृश्य को देख भय और दुख व्यक्त किया।

 

हादसे की सूचना मिलते ही सलखुआ थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा तैयार किया और पोस्टमार्टम हेतु सहरसा सदर अस्पताल भेज दिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रथम दृष्टया घटना की मुख्य वजह घना कुहासा और सड़क किनारे मौजूद बिना सुरक्षा वाले गहरे गड्ढे को माना जा रहा है।

 

हादसे की खबर जैसे ही गाँव और परिवार तक पहुँची, मातम फैल गया। गौरव अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। पिछले वर्ष ही उसके पिता की मृत्यु हुई थी और अब बेटे की इस तरह अचानक मौत की सूचना ने परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया है। उसकी मां का रो-रोकर बुरा हाल है और परिजन सदमे में हैं। स्थानीय लोगों ने भी युवक की मौत को प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम बताया है।

 

गाँव के लोगों ने मांग की है कि प्रशासन जल्द से जल्द सड़क किनारे बने गहरे गड्ढों को भरवाए और इस मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करे। वर्षों से इस सड़क पर कई जगह गहरे गड्ढे बन चुके हैं, जो बरसात और कुहासा के मौसम में गंभीर खतरा पैदा करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि सड़क की समय पर मरम्मत और सुरक्षा संकेत लगाए जाते, तो यह हादसा टाला जा सकता था।

 

इस घटना के बाद क्षेत्रवासियों में आक्रोश है और वे प्रशासन से ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।

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