गोपालपुर में विधानसभा चुनाव की मतगणना से पहले माहौल पूरी तरह चुनावी रोमांच और उत्सुकता से भर गया है। जिस तरह से मतगणना का समय नजदीक आ रहा है, समर्थकों की बेसब्री लगातार बढ़ती जा रही है। हर कोई अपने-अपने पसंदीदा प्रत्याशी की जीत की उम्मीद में मंदिरों में पूजा-अर्चना कर रहा है। विभिन्न धार्मिक स्थलों पर समर्थक मनोकामना पूजन कर अपने नेता की विजय की दुआ कर रहे हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में एक अलग ही चुनावी उत्साह दिखाई दे रहा है।
एनडीए और महागठबंधन—दोनों गठबंधनों के प्रमुख नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने मतगणना स्थल तक फूल-माला, अबीर-गुलाल और गाजे-बाजे के साथ विजय जुलूस निकालने की योजनाओं को अंतिम रूप दे दिया है। कई जगहों पर पहले से ही उत्सव जैसा माहौल देखा जा रहा है। लोग मान कर चल रहे हैं कि जैसे ही परिणाम आएंगे, वे अपने प्रत्याशी की जीत का जश्न धूमधाम से मनाएंगे।
इधर, पूरे इलाके में सिर्फ एक ही चर्चा है—कौन जीतेगा और कौन हारेगा। अनुमान, विश्लेषण और राजनीतिक समीकरणों की बातें चौक-चौराहों से लेकर चाय दुकानों तक चल रही हैं। इस बीच एक बड़ा राजनीतिक तथ्य यह भी सामने है कि परिणाम की घोषणा के साथ ही गोपालपुर के निवर्तमान विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल की 20 वर्षों से जारी राजनीतिक पारी का अंत माना जा रहा है। लंबे समय से गोपालपुर की राजनीति में प्रभाव रखने वाले गोपाल मंडल की इस बार संभावित हार ने राजनीतिक गलियारों में नई हलचल पैदा कर दी है।
मतगणना के बाद संभावित भीड़ और जश्न को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी अपनी तैयारियाँ कड़ी कर दी हैं। एसपी प्रेरणा कुमार ने बताया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी थानाध्यक्षों को सख्त निर्देश जारी कर दिए गए हैं। किसी भी परिस्थिति में व्यवधान या अराजकता न फैले, इसके लिए पुलिस बल को अलर्ट पर रखा गया है। संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी सुनिश्चित की जा रही है।
कुल मिलाकर, गोपालपुर में मतगणना से पहले का हर पल उत्साह, उम्मीद, कयास और राजनीतिक हलचल से भर गया है। अब सभी की निगाहें सिर्फ उस क्षण पर टिकी हैं, जब अंतिम परिणाम सामने आएंगे और यह तय होगा कि गोपालपुर की राजनीति को नई दिशा कौन देगा।
