बिहपुर विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल के बीच बुधवार की शाम एक अप्रत्याशित घटना ने पूरे इलाके की राजनीति को गरमा दिया। निर्दलीय प्रत्याशी अवनीश कुमार की महिला कार्यकर्ताओं पर तेलधी गांव में लाठी-डंडों से हमला किया गया, जिससे कई महिला कार्यकर्ता और उनके परिवार के सदस्य घायल हो गए। इस घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव और राजनीतिक उथल-पुथल का माहौल बन गया है।

घटना की जानकारी के अनुसार, बुधवार की शाम अवनीश कुमार की महिला कार्यकर्ता गांव-गांव घूमकर प्रचार-प्रसार और पर्चा वितरण कर रही थीं। इसी क्रम में जब वे तेलधी गांव, जो कि वर्तमान विधायक कुमार शैलेंद्र का पैतृक गांव है, वहां पहुंचीं, तभी विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई।

आरोप है कि गांव में मौजूद कुछ स्थानीय लोगों ने, जो विधायक के समर्थक बताए जा रहे हैं, अचानक महिला कार्यकर्ताओं पर हमला बोल दिया। बताया जाता है कि हमलावरों के हाथों में लाठी-डंडे थे और उन्होंने प्रचार कर रही महिलाओं को बुरी तरह पीट दिया। इस दौरान मौके पर अफरा-तफरी मच गई। कई महिलाएं घायल हो गईं, जबकि एक युवती मौके पर ही बेहोश होकर गिर पड़ी।

मारपीट की सूचना मिलते ही निर्दलीय प्रत्याशी अवनीश कुमार स्वयं अपने समर्थकों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति को शांत कराने का प्रयास किया। उन्होंने तुरंत खरीक थाना को घटना की सूचना दी। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और काफी प्रयासों के बाद स्थिति को नियंत्रित किया गया। पुलिस ने गांव में तैनाती बढ़ा दी और देर रात तक स्थिति पर निगरानी रखी।

अवनीश कुमार ने मीडिया को बताया कि उनकी महिला कार्यकर्ता सामान्य रूप से घर-घर जाकर प्रचार सामग्री बांट रही थीं। अचानक कुछ स्थानीय लोगों ने, जिनकी पहचान कापो झा, रौशन झा, सुनील झा सहित कई अन्य के रूप में की गई है, लाठी-डंडों से हमला कर दिया। उन्होंने कहा कि इस हमले में उनकी पत्नी, बेटा सहित कई महिला कार्यकर्ता घायल हो गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह हमला पूरी तरह साजिश के तहत किया गया, ताकि उनके प्रचार अभियान को बाधित किया जा सके।

घटना के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थकों में आक्रोश फैल गया। कई जगहों पर अवनीश समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की। समर्थकों का कहना है कि यह हमला चुनावी भय के कारण किया गया, क्योंकि अवनीश कुमार की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और विपक्षी खेमे में बेचैनी है।

वहीं, दूसरी ओर इस घटना के बाद बिहपुर के विधायक कुमार शैलेंद्र ने देर शाम अपना स्पष्टीकरण बयान जारी किया। उन्होंने अवनीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “अवनीश कुमार महागठबंधन का व्यक्ति है और वह झूठे प्रचार के माध्यम से जनता को गुमराह कर रहे हैं।” विधायक ने कहा कि “अवनीश कुमार ने मेरी बेटी के गले से मंगलसूत्र छीना है। मैं मांग करता हूं कि वह तुरंत मंगलसूत्र लौटाएं और माफी मांगें, अन्यथा मैं इस मामले की शिकायत वरीय पदाधिकारियों से करूंगा।”

विधायक ने आगे कहा कि “अवनीश कुमार ने हमारे एक युवक के साथ भी मारपीट की है, जो गंभीर रूप से घायल है। यह सब सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही झूठी खबरों का जवाब है।” उन्होंने एक युवक को सामने लाकर यह भी बताया कि “इस युवक की पिटाई अवनीश कुमार ने की है।”

इस बयान के बाद दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। सोशल मीडिया पर इस घटना से जुड़ी वीडियो क्लिप्स और तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। कुछ वीडियो में महिला कार्यकर्ताओं को मारते हुए दिखाया गया है, तो कुछ में घायल लोगों को अस्पताल ले जाते हुए।

प्रशासन की ओर से सख्ती:
खरीक थाना प्रभारी ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थिति पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त किया गया। फिलहाल गांव में पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है ताकि किसी तरह की और अप्रिय घटना न हो। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों से लिखित बयान लिए जा रहे हैं और जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

राजनीतिक हलचल:
तेलधी की यह घटना अब सिर्फ एक स्थानीय विवाद नहीं रही, बल्कि यह बिहपुर विधानसभा चुनावी मुद्दा बन चुकी है। अवनीश कुमार समर्थक इसे सत्ता पक्ष द्वारा की गई “राजनीतिक हिंसा” बता रहे हैं, जबकि विधायक समर्थक इसे “झूठा प्रचार और सस्ती लोकप्रियता का हथकंडा” करार दे रहे हैं।

स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया:
गांव के कुछ लोगों ने बताया कि महिला कार्यकर्ता शांतिपूर्वक प्रचार कर रही थीं, पर अचानक कुछ युवकों ने माहौल बिगाड़ दिया। वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि अवनीश समर्थक पहले से उकसाने की कोशिश कर रहे थे, जिससे विवाद बढ़ा।

निष्कर्ष:
तेलधी गांव की यह घटना बिहपुर क्षेत्र की राजनीति को झकझोर गई है। एक ओर जहां निर्दलीय प्रत्याशी अवनीश कुमार इसे सत्ता पक्ष की साजिश और राजनीतिक हिंसा बता रहे हैं, वहीं विधायक कुमार शैलेंद्र इस घटना को “सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का प्रयास” कह रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि पुलिस जांच में सच की दिशा किस ओर मुड़ती है, लेकिन इतना तय है कि इस घटना ने चुनावी सरगर्मी को और भी ज्यादा उबाल पर ला दिया है।

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