भागलपुर। विधानसभा चुनाव 2025 के लिए उम्मीदवारों की घोषणा के बाद **भागलपुर भाजपा में बगावत की चिंगारी भड़क उठी है।** पार्टी द्वारा **रोहित पांडे** को उम्मीदवार घोषित किए जाने के कुछ ही घंटों में **असंतोष का दौर खुलकर सामने** आने लगा है।

 

मंगलवार को उम्मीदवार की घोषणा के **मात्र एक घंटे के भीतर**, **पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे** के पुत्र **अर्जित शाश्वत चौबे** ने **सदर अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय** पहुंचकर **निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन रसीद (एनआर) कटवा दी।** इस घटनाक्रम ने पार्टी नेतृत्व को सकते में डाल दिया है।

 

वहीं, **बुधवार को भाजपा की राज्य मीडिया पैनलिस्ट डॉ. प्रीति शेखर** ने भी **निर्दलीय प्रत्याशी** के रूप में अपनी **नामांकन राशि जमा कर दी।** लगातार दो दिनों में दो वरिष्ठ नेताओं के बागी तेवरों ने भाजपा के लिए **भागलपुर सीट पर सियासी समीकरण** को पूरी तरह बदल दिया है।

 

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अर्जित शाश्वत चौबे और प्रीति शेखर दोनों का निर्दलीय मैदान में उतरना भाजपा के लिए **गंभीर चुनौती** बन सकता है, क्योंकि दोनों नेताओं का **स्थानीय कार्यकर्ताओं पर गहरा प्रभाव** है।

 

पार्टी कार्यकर्ताओं में इस बात को लेकर चर्चा तेज है कि केंद्रीय नेतृत्व ने **भागलपुर की स्थानीय भावनाओं को दरकिनार कर उम्मीदवार चयन किया**, जिसके चलते असंतोष फूट पड़ा। कई कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर भी **“संगठन की अनदेखी”** और **“स्थानीय नेताओं की उपेक्षा”** जैसे पोस्ट साझा किए हैं।

 

अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भाजपा नेतृत्व **इस बगावत को कैसे काबू में लाता है।**

भागलपुर विधानसभा सीट पर भाजपा के अंदर उठी यह **अंदरूनी कलह** चुनावी माहौल को और भी **दिलचस्प और जटिल** बना चुकी है।

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