अररिया जिले के एकमात्र मंत्री और अनुभवी नेता विजय कुमार मंडल पर भाजपा ने एक बार फिर भरोसा जताया है। पार्टी ने उन्हें सिकटी विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार उम्मीदवार बनाया है। अब 60 वर्षीय विजय कुमार मंडल के सामने छठी बार बिहार विधानसभा तक पहुंचने की चुनौती होगी। वे अब तक पांच बार विधायक बन चुके हैं और दो बार मंत्रिपरिषद में शामिल रह चुके हैं। वर्तमान में वे बिहार सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री के रूप में कार्यरत हैं।
विजय कुमार मंडल का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प और उतार-चढ़ाव भरा रहा है। वर्ष 1995 में उन्होंने आनंद मोहन की बिहार पीपुल्स पार्टी से अररिया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर पहली बार सदन में प्रवेश किया। उस समय वे इस पार्टी के एकमात्र विधायक थे। वर्ष 2000 में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की और फिर राजद में शामिल हो गए। राजद सरकार में उन्हें सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री के पद से नवाजा गया।
वर्ष 2005 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद वे जदयू में शामिल हो गए। 2009 में जदयू के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन सफलता नहीं मिली। उसी वर्ष हुए विधानसभा उपचुनाव में उन्होंने लोजपा से चुनाव लड़कर तीसरी बार विधानसभा की सीट जीत ली।
2010 में परिसीमन के बाद जब उन्होंने सिकटी विधानसभा क्षेत्र से लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा, तो भाजपा प्रत्याशी आनंदी प्रसाद यादव से हार गए। इसके कुछ समय बाद वे भाजपा में शामिल हो गए और 2015 व 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की। इस तरह, विजय कुमार मंडल अब तक पांच बार विधायक बने हैं — और वह भी अलग-अलग दलों के टिकट पर।
विजय कुमार मंडल कुर्साकांटा प्रखंड के बटराहा गांव के निवासी हैं। उनके पिता नन्दकेश्वर मंडल भले ही कभी विधायक नहीं बने, लेकिन अपने क्षेत्र में प्रभावशाली मुखिया के रूप में जाने जाते थे। राजनीति में यह विरासत ही विजय कुमार मंडल के लिए प्रेरणा बनी। केवट जाति से आने वाले श्री मंडल अत्यंत पिछड़ा वर्ग से हैं और उन्होंने मैट्रिक तक की पढ़ाई की है।
इस बार भाजपा ने उन पर फिर से विश्वास जताया है, और अब वे सिकटी से लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करने के लक्ष्य के साथ मैदान में हैं।
