भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार पवन सिंह एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह उनकी फिल्मों या राजनीति नहीं, बल्कि पत्नी ज्योति सिंह से जुड़ा विवाद है। कई दिनों से सोशल मीडिया पर चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बाद पवन सिंह खुद मीडिया के सामने आए और अपना पक्ष खुलकर रखा। इस दौरान वह काफी भावुक नजर आए।
“मर्द का दर्द नहीं दिखता…”
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पवन सिंह ने कहा—
> “मेरा भी मन करता है कि जब मैं घर जाऊं तो दरवाजा मेरी बेटी-बेटा खोले, लेकिन दरवाजा मेरी मां खोलती है। औरत के आंसू दुनिया को दिख जाते हैं, लेकिन मर्द का दर्द नहीं दिखता।”
उनकी आवाज भर आई थी। अभिनेता ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में उनकी इज्जत और निजी जीवन को सरेआम उछाला गया है।
“परिवार की बात कोर्ट में, मार्केट में नहीं”
पवन सिंह ने आगे कहा—
> “मेरी इज्जत की धज्जियां उड़ाई गईं। परिवार की बात कमरे में होती है। हमारा मामला कोर्ट में 3-4 साल से चल रहा है। फिर भी अब चुनाव के वक्त अचानक अपनापन क्यों दिखाया जा रहा है? यह राजनीति नहीं तो और क्या है?”
उन्होंने कहा कि ज्योति सिंह का व्यवहार वह अच्छे से जानते हैं और अब जब विधानसभा चुनाव करीब है, तभी वे इस तरह के बयान दे रही हैं।
क्या बोली थीं ज्योति सिंह?
दरअसल, दो दिन पहले ज्योति सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि वह अपने पति से मिलने लखनऊ जा रही हैं। वहां पहुंचकर उन्होंने लाइव वीडियो में कहा कि “पवन सिंह ने मेरे खिलाफ पुलिस बुला ली है। अब मैं क्या करूं?”
लाइव में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “पवन सिंह ने लोकसभा चुनाव के प्रचार में मेरा इस्तेमाल किया और फिर मुझे छोड़ दिया।” उन्होंने कहा कि वह पवन सिंह के साथ रहना चाहती हैं, लेकिन अभिनेता उन्हें अपनाना नहीं चाहते।
“विधायक बनना चाहती हैं, इसलिए कर रही हैं ड्रामा”
पवन सिंह ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि उनकी पत्नी विधायक बनना चाहती हैं, और इसी कारण उनके साथ रहने का नाटक कर रही हैं।
> “आज तक कोर्ट में तलाक का केस चल रहा है, लेकिन अचानक चुनाव से पहले प्यार दिखाना राजनीति ही है।”
इस विवाद के बाद सोशल मीडिया पर दोनों के समर्थक आमने-सामने आ गए।
चुनावी सियासत और नया मोड़
यह विवाद ऐसे वक्त में सामने आया है जब पवन सिंह के विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चाएं तेज हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी और एक बार फिर पार्टी में शामिल हो गए हैं।
हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि वे किस विधानसभा सीट से उम्मीदवार होंगे।
केंद्र सरकार ने बढ़ाई सुरक्षा
विवाद और धमकियों के बीच अब केंद्र सरकार ने पवन सिंह की सुरक्षा बढ़ा दी है।
सूत्रों के अनुसार, अभिनेता को वाई-प्लस (Y+) श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। यह फैसला केंद्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त समीक्षा के बाद लिया गया।
क्यों मिली वाई-प्लस सुरक्षा?
हाल के दिनों में पवन सिंह को सोशल मीडिया पर कई धमकियां मिली थीं। सुरक्षा एजेंसियों ने रिपोर्ट तैयार की और पाया कि अभिनेता को खतरा हो सकता है।
अब उनके साथ हर वक्त 11 सुरक्षाकर्मियों की टीम रहेगी, जिनमें दो प्रशिक्षित एनएसजी या सीआरपीएफ कमांडो शामिल होंगे।
यह सुरक्षा उन्हें 24 घंटे मिलेगी — चाहे वह घर पर हों, शूटिंग सेट पर हों या यात्रा पर।
विवाद या साजिश?
पवन सिंह का कहना है कि उनके खिलाफ सोची-समझी साजिश रची जा रही है ताकि उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके।
> “मैंने कभी किसी के खिलाफ बुरा नहीं बोला। लेकिन आज मुझे मजबूर होकर बोलना पड़ा। अब सब कुछ जनता मालिक के हाथ में है।”
निष्कर्ष
भोजपुरी सिनेमा के ‘लॉयनहार्ट’ माने जाने वाले पवन सिंह अब राजनीति और निजी विवाद—दोनों मोर्चों पर घिरे हुए हैं।
जहां एक ओर चुनावी चर्चाएं जोरों पर हैं, वहीं पत्नी ज्योति सिंह के आरोपों ने उनकी छवि और सियासी सफर को नई चुनौती दे दी है।
अब देखना यह है कि इस विवाद का असर उनके राजनीतिक भविष्य पर पड़ता है या नहीं।
