बिहार विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बज चुकी है। इसी बीच एनडीए और इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर अंतिम दौर की बातचीत चल रही है। हालांकि दोनों ही गठबंधन में अभी तक सहमति नहीं बन पाई है और सीट शेयरिंग पर ‘पेंच’ फंसा हुआ है।

हर पार्टी अपनी-अपनी डिमांड और समीकरण को लेकर अड़ी हुई है। इसी क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी सीट बंटवारे को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है।

🟤 मांझी सीटों के ऑफर से असंतुष्ट

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, एनडीए के सहयोगी दल हम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी को जो सीटें ऑफर की गई हैं, उससे वे संतुष्ट नहीं हैं।
इसी नाराजगी के चलते मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर अपनी बात कविता के रूप में साझा की है।

🟤 मांझी की ‘दिनकर’ शैली में नाराज़गी

मांझी ने अपने पोस्ट में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता से पंक्तियाँ उद्धृत करते हुए लिखा—

> “हो न्याय अगर तो आधा दो, यदि उसमें भी कोई बाधा हो,
> तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम,
> हम वहीं खुशी से खायेंगे, परिजनों पर असी ना उठायेंगे।”

इन पंक्तियों के ज़रिए मांझी ने यह इशारा किया है कि वे सम्मानजनक सीटों की मांग कर रहे हैं, न कि ‘भीख’।

🟤 पहले मांगी थीं 20 सीटें, अब 15 पर अड़े

सूत्रों के अनुसार, जीतन राम मांझी शुरू में 20 सीटों की मांग कर रहे थे। हालांकि, अब उन्होंने 5 सीटों की कटौती करते हुए 15 सीटों पर समझौता करने की इच्छा जताई है।
एनडीए में फिलहाल इन सीटों को लेकर बातचीत जारी है, लेकिन अंतिम फैसला अभी तक नहीं हुआ है।

🟤 “सम्मानजनक सीटें न मिलीं तो चुनाव नहीं लड़ूंगा”

दिल्ली में वार्ता के बाद मांझी असम के दौरे पर रवाना हो गए हैं। रवाना होने से पहले उन्होंने मीडिया से कहा—

> “अगर सम्मानजनक सीटें नहीं दी गईं, तो मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा।
> लेकिन NDA के साथ मजबूती से खड़ा रहूंगा।

🟤 NDA में फिर बढ़ी खींचतान

मांझी के इस बयान से यह साफ हो गया है कि एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर अंदरूनी मतभेद बने हुए हैं।
अब देखना यह होगा कि बीजेपी और हम पार्टी के बीच कितनी सीटों पर समझौता होता है, क्योंकि बिहार चुनाव का समय नजदीक है और टिकट फाइनल करने की डेडलाइन करीब आ रही है।

 

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *