गया (बिहार):
बिहार विधानसभा चुनावी सरगर्मी के बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने राज्य की सियासत में नई हलचल मचा दी है।
गया जिले के चाकंद हाई स्कूल मैदान में आयोजित जनसभा में ओवैसी ने एक के बाद एक तीखे हमले करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया।

उन्होंने कहा —

> “बिहार के मुसलमानों से पूछिए, इन सबने तुम्हारे लिए क्या किया? लालू-नीतीश का राज बीता, मगर मुसलमानों की हालत जस की तस है।”

नीतीश और तेजस्वी पर तीखा हमला
ओवैसी ने मंच से कहा कि तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राजद केवल वोट की राजनीति करती है, लेकिन अल्पसंख्यकों के लिए कोई ठोस काम नहीं करती।

> “हमारे विधायक म्यूजियम से नहीं आए थे, जनता ने ताकत दी थी। लेकिन मुसलमानों का वोट बिखर जाता है, इसलिए बीजेपी जीत जाती है। हमें तय करना होगा कि अबकी बार वोट एकजुट होकर दिया जाए,” ओवैसी ने कहा।

उन्होंने तेजस्वी यादव पर सीधा सवाल उठाया —

> “जब तुम डिप्टी सीएम थे, तब मुसलमानों के लिए क्या किया? केवल वादे किए, मगर ज़मीनी हकीकत में कुछ नहीं बदला।”

ओवैसी ने भीड़ से अपील की कि

> “अबकी बार बुजुर्ग अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचें। हम किसी स्टेशन के कुली नहीं हैं जो इन जालिमों का बोझ उठाएं। अब फैसला मुसलमानों को खुद लेना होगा।”

लालू-नीतीश के राज को बताया ‘नुकसानदेह’

AIMIM प्रमुख ने कहा कि लालू यादव के 15 साल और नीतीश कुमार के 20 साल की सरकारों ने बिहार के अल्पसंख्यकों को केवल निराश किया है।
उन्होंने कहा —

> “इन 35 सालों में मुसलमानों को सिर्फ वादे मिले, हक नहीं मिला। बुजुर्गों से कहना चाहता हूं कि आपने अपनी जवानी खो दी, अब अपने बच्चों का भविष्य बर्बाद मत करें।”

ओवैसी ने यह भी कहा कि बिहार की 60% आबादी 25 साल से कम उम्र की है, इसलिए युवाओं को सोच-समझकर राजनीतिक फैसला लेना चाहिए।

भ्रष्टाचार पर ‘डबल इंजन सरकार’ को घेरा

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों को आड़े हाथों लिया।

> “मोदी कहते हैं ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’, लेकिन बिहार में तो लूट की खुली छूट है। जो जितना लूट सके, लूट लो — यही हालात हैं,”
> उन्होंने कहा।

ओवैसी ने आरोप लगाया कि गरीब और अल्पसंख्यक समुदाय आज भी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मामले में पिछड़े हुए हैं, और सरकार केवल नारों में विकास करती है।

मुसलमानों की हिस्सेदारी पर जोर

ओवैसी ने कहा कि बिहार की सबसे बड़ी आबादी अल्पसंख्यक समुदाय की है, लेकिन उनकी राजनीतिक हिस्सेदारी बेहद कम है।

> “हमारी पार्टी AIMIM इसी हक को दिलाने के लिए मैदान में है। जब तक हमारी ताकत विधानसभा में नहीं पहुंचेगी, तब तक कोई हमारी आवाज़ नहीं सुनेगा,”
> उन्होंने भीड़ से कहा।

चिराग पासवान पर भी साधा निशाना

AIMIM प्रमुख ने इस दौरान एलजेपी(रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान पर भी हमला बोला।
उन्होंने कहा —

> “मोदी, नीतीश और चिराग ने मिलकर ऐसा कानून बनाया जिससे मस्जिद, दरगाह, खानकाह और कब्रिस्तान खतरे में आ गए हैं। यह हमारी मजहबी शान पर हमला है।”

उन्होंने सवाल उठाया —

> “मुसलमान के वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य कैसे हो सकता है? यह किस कानून में लिखा है?”

ओवैसी का संदेश — “अबकी बार एकजुट वोट”

अपने भाषण के अंत में ओवैसी ने भीड़ से अपील की —

> “अबकी बार फैसला मुसलमानों के हाथ में है। हमें अपने बच्चों की खातिर एकजुट होकर वोट देना होगा। जो हमें कमजोर बनाता है, उसे सबक सिखाना होगा।”

सभा में बड़ी संख्या में लोग जुटे थे, और ओवैसी के हर बयान पर तालियों और नारों की गूंज सुनाई दे रही थी।

निष्कर्ष:
गया की यह सभा साफ संकेत दे रही है कि ओवैसी बिहार में अल्पसंख्यक वोट बैंक को साधने के मिशन पर हैं। उन्होंने नीतीश, तेजस्वी और मोदी — तीनों पर एक साथ हमला बोलकर यह संदेश दिया है कि इस बार AIMIM खुद को चुनावी मुकाबले में एक मजबूत दावेदार के रूप में पेश करना चाहती है।

 

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