बिहार के सारण जिले के गड़खा थाना क्षेत्र स्थित *देवराहा बाबा श्रीधर दास इंटर महाविद्यालय* में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे एक शिक्षक को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इस कार्रवाई से शिक्षा जगत में हड़कंप मच गया है और विभागीय अधिकारियों ने इसे भविष्य के लिए चेतावनी बताया है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ), सारण के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षक *कामेश्वर यादव* के शैक्षणिक प्रमाण पत्र को लेकर शिकायत प्राप्त हुई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उनके दस्तावेजों की जांच का आदेश दिया। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि प्रस्तुत किए गए प्रमाण पत्र फर्जी हैं और मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा जारी नहीं किए गए हैं।

प्रमाण पत्र फर्जी साबित होते ही जिला शिक्षा पदाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से कामेश्वर यादव को सेवा से बर्खास्त कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि शिक्षा जैसी संवेदनशील क्षेत्र में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि ऐसे मामलों पर कठोर कदम नहीं उठाए गए तो इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी बल्कि छात्रों के भविष्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा।

सूत्रों के अनुसार, विभाग अब महाविद्यालयों और विद्यालयों में कार्यरत सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की पुनः जांच की तैयारी कर रहा है, ताकि किसी और स्तर पर इस तरह की अनियमितता सामने न आ सके। इस कदम से स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि शिक्षा विभाग अब फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने जा रहा है।

स्थानीय लोगों और छात्रों के अभिभावकों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका कहना है कि फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षक शिक्षा व्यवस्था पर धब्बा हैं और ऐसे लोगों को तुरंत बाहर करना ही न्यायसंगत है।

कुल मिलाकर, यह मामला पूरे जिले के लिए एक नज़ीर बन गया है। अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग किस स्तर तक दस्तावेजों की जांच करता है और इस तरह की और कितनी सच्चाइयाँ सामने आती हैं।

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