भागलपुर जिले के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्णिया से वर्चुअल माध्यम के जरिए पीरपैंती में बनने वाले 2400 मेगावाट क्षमता के विशाल पावर प्लांट का शिलान्यास किया। इस पावर प्लांट को अगले तीन वर्षों में पूरी तरह तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने न सिर्फ भागलपुर बल्कि पूरे बिहार को विकास की कई सौगातें दीं और राज्य के लोगों को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नया भरोसा भी दिया।

 

पीरपैंती में प्रस्तावित इस पावर प्लांट में कुल तीन इकाइयां लगाई जाएंगी, प्रत्येक की क्षमता 800 मेगावाट होगी। अधिकारियों के अनुसार, प्लांट शुरू होने के बाद बिहार ही नहीं बल्कि झारखंड और बंगाल तक बिजली की निर्बाध आपूर्ति संभव हो सकेगी। इस परियोजना से हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

 

शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर पूरे जिले में गजब का उत्साह देखने को मिला। वर्चुअल उद्घाटन समारोह के दौरान हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। खास बात यह रही कि प्रधानमंत्री का यह संबोधन सुनने के लिए न केवल भागलपुर बल्कि आसपास के जिलों, झारखंड और बंगाल से भी लोग पहुंचे। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार की जनता को विकास की धारा से जोड़ना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है और आने वाले समय में ऊर्जा क्षेत्र में यह कदम मील का पत्थर साबित होगा।

 

कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे। भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहा कि इस पावर प्लांट से जिले की सूरत बदल जाएगी और उद्योग-व्यवसाय को नई गति मिलेगी। वहीं, ऊर्जा विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह ने जानकारी दी कि परियोजना के निर्माण कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए सभी तकनीकी इंतजाम कर लिए गए हैं।

 

कहलगांव के भाजपा विधायक पवन यादव ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम बिहार को नई ऊर्जा देगा और क्षेत्र के लोगों को बिजली संकट से राहत मिलेगी। वहीं, पीरपैंती के विधायक ललन पासवान ने इसे अपने क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक दिन करार दिया और कहा कि आजादी के बाद पहली बार पीरपैंती को इतनी बड़ी सौगात मिली है।

 

इस परियोजना के पूरा होने से जहां बिहार बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा, वहीं ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों को लाभ मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्लांट न सिर्फ राज्य की जरूरत पूरी करेगा बल्कि अतिरिक्त बिजली का उत्पादन कर पड़ोसी राज्यों को भी आपूर्ति करेगा।

 

कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2400 मेगावाट पावर प्लांट का शिलान्यास भागलपुर और बिहार के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह सिर्फ एक परियोजना नहीं बल्कि ऊर्जा के क्षेत्र में नई क्रांति की शुरुआत है, जो आने वाले वर्षों में राज्य की तस्वीर और तकदीर बदल सकती है।

 

 

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