कोरोना की वजह से साल 2020 में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ता यानी डीए और पेंशनर्स के महंगाई राहत डीआर पर रोक लगा दी गई थी। कोरोना के नए वेरिएंट यानी ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच एक बार फिर से ऐसी ही खबरें वायरल हो रही हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक लेटर में ये दावा किया जा रहा है कि ओमिक्रॉन को देखते हुए सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के बढ़े महंगाई भत्ता और पेंशनर्स की महंगाई राहत के फैसले को टाल दिया है। वायरल लेटर के मुताबिक वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर द्वारा ये आदेश दिया गया है। हालांकि, पीआईबी की फैक्ट चेक में ये लेटर पूरी तरह फर्जी है।

क्या कहा पीआईबी फैक्ट चेक ने: पीआईबी फैक्ट चेक के मुताबिक वित्त मंत्रालय के नाम से जारी एक फर्जी आदेश वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया गया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को देय महंगाई भत्ता और महंगाई राहत को स्थगित रखा जाएगा। ये पूरी तरह से फर्जी खबर है। कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ता या महंगाई राहत प्रचलन में हैं।

अभी कितनी है दर: वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ता या पेंशनर्स की महंगाई राहत 31 फीसदी है। साल 2022 की पहली छमाही के भत्ता या राहत में एक बार फिर बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। आपको बता दें कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक साल में दो बार महंगाई भत्ता और महंगाई राहत में बढ़ोतरी की जाती है। ये बढ़ोतरी छमाही आधार पर होती है। सरकार के बढ़ोतरी के फैसले से करीब 48 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और 65 लाख से ज्यादा पेंशनर लाभान्वित होते हैं।

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