बिहार आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। भोजपुर जिले के नारायणपुर गांव में की गई छापेमारी के दौरान चार SIM बॉक्स डिवाइस, क्रिप्टो लेनदेन से जुड़े दस्तावेज, बैंक पासबुक और अन्य संवेदनशील दस्तावेज बरामद किए गए। इस दौरान मुख्य आरोपी मुकेश कुमार को गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई दूरसंचार विभाग और EOU की साइबर विंग द्वारा संयुक्त रूप से की गई।
EOU के ADG नैय्यर हसनैन खान को सूचना मिली थी कि भोजपुर के नारायणपुर गांव में एक समानांतर टेलीफोन नेटवर्क के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर ठगी की जा रही है। त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम ने छापेमारी की और आरोपी को गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि गिरोह VOIP तकनीक का इस्तेमाल कर विदेशों से आने वाली कॉल्स को भारत में लोकल कॉल में बदलता था और भारतीय नागरिकों से फर्जी कॉल कर बैंक डिटेल्स, OTP और निजी डेटा हासिल करता था।
रोजाना 10,000 से अधिक फर्जी कॉल्स के जरिए नागरिकों से ठगी की जा रही थी। शुरुआती जांच में पिछले दो सप्ताह में ही करीब 2.5 करोड़ रुपये की ठगी का पता चला है, जबकि जनवरी 2025 से अब तक लगभग 60 करोड़ रुपये की साइबर ठगी की जा चुकी है।
गिरोह के तार यूएई, थाईलैंड, वियतनाम, कंबोडिया, चीन और जर्मनी जैसे देशों से जुड़े थे। टेलीग्राम ग्रुप्स के माध्यम से गिरोह का संचालन होता था। फर्जी सिम कार्ड झारखंड के पाकुड़ से मंगवाए गए थे, जिन्हें आयुष्मान भारत योजना के नाम पर लोगों से एकत्र किए गए बायोमेट्रिक डेटा से सक्रिय किया जाता था। ये सभी गतिविधियां क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन के जरिए होती थीं ताकि पैसों का पता न चल सके।
इससे पहले 21 जुलाई को सुपौल से गिरफ्तार किए गए गिरोह के मास्टरमाइंड हर्षित कुमार (21 वर्ष) के पास से आठ SIM बॉक्स, 35 बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज और करोड़ों की अचल संपत्ति का पता चला था। उसने दर्जनों देशों की यात्रा कर यह अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क तैयार किया था। हर्षित का नेटवर्क झारखंड, मोतिहारी, पटना और कई अन्य जिलों में फैला हुआ था।
DIG (EOU साइबर विंग) संजय कुमार के अनुसार, इस मामले में सीबीआई और आईबी की टीमें भी शामिल होने जा रही हैं, क्योंकि गिरोह के संबंध कई देशों और राज्यों तक फैले हैं। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां और संपत्ति जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।
सावधानी ही सुरक्षा
ETV भारत सभी नागरिकों से अपील करता है कि किसी भी अनजान व्यक्ति से प्राप्त कॉल पर अपने OTP, बैंक डिटेल्स या आधार नंबर साझा न करें। किसी भी सरकारी योजना की जानकारी केवल आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित कार्यालय से प्राप्त करें। किसी भी साइबर अपराध की सूचना तुरंत राष्ट्रीय हेल्पलाइन 1930 या https://cybercrime.gov.in पर दें।
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