पटना से एक बड़ा राजनीतिक भूचाल खड़ा करने वाली खबर सामने आई है। जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर (PK) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर गंभीर और चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं। PK ने दावा किया कि किशनगंज स्थित माता गुजरी मेडिकल कॉलेज पर जायसवाल ने बीते 25 वर्षों में गैरकानूनी तरीके से कब्जा जमाया है और इस पूरे मामले में बड़े स्तर पर राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है।

PK ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि यह सिर्फ भ्रष्टाचार का मामला नहीं, बल्कि हत्या की साजिश से भी जुड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेज से जुड़े एक प्रमुख व्यक्ति राजेश शाह की हत्या की साजिश में दिलीप जायसवाल का नाम सामने आया था, लेकिन जांच कर रहे अधिकारी ने उन्हें क्लीन चिट दे दी। सबसे बड़ा सवाल ये है कि वही अधिकारी, जिसने जायसवाल को बरी किया, उसकी पत्नी ने इसी कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है। क्या ये केवल संयोग है या गहरी साजिश?
प्रशांत किशोर ने कहा कि इस मामले में केवल बीजेपी ही नहीं, बल्कि जदयू और राजद की भी मिलीभगत है। तीनों दलों ने चुप्पी साध रखी है, क्योंकि जायसवाल ने वर्षों से नेताओं और अधिकारियों के बच्चों को मैनेजमेंट कोटे के जरिए कॉलेज में दाखिला दिलवाया है। यह पूरे सिस्टम का भ्रष्ट चेहरा उजागर करता है।
PK ने सीधे लालू परिवार पर भी हमला बोला। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने खुद दिलीप जायसवाल को “मुंह बोला भाई” कहा था। इतना ही नहीं, लालू यादव के साले के परिवार को भी इसी कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री दिलवाई गई। इससे साफ है कि यह सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं, बल्कि पूरा राजनीतिक गठजोड़ इसमें शामिल है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में वरिष्ठ वकील वाई बी गिरी ने कानूनी पक्ष रखते हुए कहा कि दिलीप जायसवाल ने ट्रस्ट एक्ट का उल्लंघन कर कॉलेज पर कब्जा किया है। उन्होंने बताया कि अब यह मामला कोर्ट में पहुंच गया है और जल्द ही इस पर कानूनी कार्रवाई तेज होगी।
इस पूरे मामले में कॉलेज के असली संस्थापक सरदार मोलेश्वर सिंह के पुत्र-पुत्री भी सामने आए हैं। उन्होंने न्याय की गुहार लगाते हुए CBI और ED से जांच की मांग की है। उनका आरोप है कि जायसवाल और उनके लोगों से उन्हें जान का खतरा है।
प्रशांत किशोर ने इस पूरे मामले को बिहार के राजनीतिक और प्रशासनिक भ्रष्टाचार की जीती-जागती मिसाल बताया और जनता से अपील की कि अब समय आ गया है, जब व्यवस्था को बदलने के लिए आवाज बुलंद करनी होगी।
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[…] दुनिया के सबसे चर्चित अरबपतियों में शामिल, Tesla और SpaceX जैसी कंपनियों के संस्थापक एलन मस्क का शुरू किया गया स्कूल **Astra Nova** एक बार फिर से शिक्षा की दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह कोई आम स्कूल नहीं है — यहां बच्चों को नंबर लाने या किताबें रटने के लिए नहीं, बल्कि सोचने, सवाल पूछने और समस्याओं का हल निकालने की कला सिखाई जाती है।### क्या है Astra Nova?Astra Nova एक **ऑनलाइन स्कूल** है, जिसे खासतौर पर **10 से 14 साल** के बच्चों के लिए डिजाइन किया गया है। यह स्कूल पारंपरिक स्कूलिंग सिस्टम को पूरी तरह चुनौती देता है। यहां न तो बोर्ड एग्जाम होते हैं, न ग्रेड या रिपोर्ट कार्ड दिए जाते हैं। यहां तक कि बुक्स का बोझ और होमवर्क जैसी चीजों से भी बच्चों को आजादी मिलती है। एलन मस्क की सोच है कि आज की शिक्षा प्रणाली बच्चों की **क्रिएटिव सोच और जिज्ञासा** को मार देती है, जबकि Astra Nova बच्चों को **‘फ्यूचर रेडी’** बनाने का काम करता है।### पढ़ाई का तरीका क्या है?Astra Nova की पढ़ाई पूरी तरह **Project-based Learning** और **Critical Thinking** पर आधारित है।यहां हर टर्म में नया सिलेबस होता है, ताकि बच्चों को कुछ नया सीखने और सोचने का मौका मिले।* **गणित** जैसे विषयों को एलजेब्रा, जियोमेट्री और प्री-कैलकुलस के दिलचस्प और प्रैक्टिकल तरीकों से सिखाया जाता है।* एक खास क्लास होती है: **“Art of Problem Solving”**, जिसमें बच्चों को असली दुनिया की समस्याएं हल करना सिखाया जाता है।* बच्चों को सिर्फ ज्ञान नहीं दिया जाता, उन्हें **समस्या को समझना, सवाल पूछना और समाधान तक पहुंचना सिखाया जाता है।**### क्या नहीं है इस स्कूल में?* कोई **रट्टा मार पढ़ाई** नहीं* **बुक्स और होमवर्क का बोझ** नहीं* **ग्रेड, रिपोर्ट कार्ड या बोर्ड परीक्षा** का कोई टेंशन नहीं* यहां पूरा फोकस बच्चों के सोचने के तरीके, उनके सवाल पूछने और क्रिएटिव सॉल्यूशंस निकालने पर होता है।### Astra Nova का मिशनएलन मस्क का मानना है कि भविष्य में दुनिया को ऐसे लोगों की जरूरत है जो **इनोवेटिव सोच** रखते हों और **समस्याओं का हल** निकाल सकते हों। उनका मानना है कि पारंपरिक स्कूलिंग सिस्टम उस जरूरी सोच को कुंद कर देता है। Astra Nova का मिशन है ऐसे माइंड्स तैयार करना जो बदलाव ला सकें।### फीस कितनी है?Astra Nova की फीस बहुत ज्यादा है, इसलिए यह फिलहाल आम लोगों के लिए नहीं है।* एक घंटे की क्लास की फीस लगभग **₹1.88 लाख** ($2,200) है।* छात्र कम से कम **2 घंटे** और अधिकतम **16 घंटे** प्रति सप्ताह क्लास ले सकते हैं।* अगर कोई छात्र 16 घंटे की क्लास करता है तो उसकी सालाना फीस लगभग **₹30.20 लाख** ($35,200) तक पहुंच जाती है।हालांकि, Astra Nova कुछ जरूरतमंद और होनहार छात्रों के लिए **स्कॉलरशिप** और **फाइनेंशियल एड** की सुविधा भी देता है।### एडमिशन प्रोसेस क्या है?Astra Nova में दाखिला लेने के लिए छात्र और अभिभावक इसकी वेबसाइट [www.astranova.org](http://www.astranova.org) पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।प्रवेश प्रक्रिया में शामिल हैं:* एक **ऑनलाइन एप्लिकेशन फॉर्म*** एक **वीडियो इंटरव्यू*** और कभी-कभी **प्रॉब्लम सॉल्विंग टास्क**### क्यों बना Astra Nova एक ग्लोबल मॉडल?Astra Nova सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं है — यह अब दुनिया भर के वैकल्पिक शिक्षा मॉडल्स को **प्रेरणा** दे रहा है। इसकी “**नो-मार्क्स, नो-बुक लोड**” नीति अब कई देशों के इनोवेटिव स्कूल्स के लिए मॉडल बन चुकी है।**टेक्नोलॉजी, डिजाइन और साइंस** में रुचि रखने वाले बच्चों के लिए यह स्कूल एक **गोल्डन चांस** हो सकता है।अपना बिहार झारखंड पर और भी खबरें देखने… […]
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