जलस्तरजलस्तर

भागलपुर। प्रखंड के सर्वाधिक कटाव प्रभावित टपुआ दियारा क्षेत्र में गंगा नदी के जलस्तर में पिछले कई दिनों से वृद्धि दर्ज की जा रही है। लगातार जलस्तर बढ़ने से दियारा में बसे लोगों के साथ-साथ खेत खलिहान पर निर्भर किसानों की परेशानी भी बढ़ गई है। कई किसानों ने बताया कि उनके खेतों में लगी फसलें पानी में डूब रही हैं, जिससे फसलें गलकर नष्ट हो रही हैं। इस कारण उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है और आगामी समय में उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।

जलस्तर
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गांव के सुबोध यादव, महेश्वर साह, अटल पासवान, अजय कुमार सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि जलस्तर में वृद्धि होने से खेतों में लगी मक्का, मूंग, कद्दू, खीरा जैसी मौसमी फसलें प्रभावित हो गई हैं। किसानों ने बताया कि कटाव की रफ्तार भले ही धीमी है, लेकिन इससे खेत का हिस्सा गंगा में समा रहा है। कई स्थानों पर खेतों के किनारे मिट्टी दरक कर गिर रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जलस्तर में इसी तरह वृद्धि होती रही तो आने वाले दिनों में और भी खेत पानी में डूब जाएंगे और कटाव तेज होने से आवासीय क्षेत्रों पर भी खतरा बढ़ सकता है।

ग्रामीण अटल पासवान ने बताया कि बीते वर्ष भी गंगा के कटाव ने कई किसानों की जमीन लील ली थी। अब जब किसानों ने किसी तरह ऋण लेकर फिर से फसल लगाई थी, तभी जलस्तर बढ़ने लगा है और खेत कटने से फसलों के साथ उनकी उम्मीदें भी बर्बाद हो रही हैं। किसानों का कहना है कि कटाव से कई परिवार विस्थापित हो चुके हैं, अब फिर वही स्थिति बनने की संभावना से लोग भयभीत हैं।

इस संबंध में जल संसाधन विभाग के एक अभियंता ने बताया कि विभाग द्वारा स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। गंगा में जलस्तर बढ़ने का कारण ऊपर के इलाकों में बारिश और गंगा में छोड़े गए अतिरिक्त पानी से है। यदि जलस्तर में लगातार वृद्धि होती है, तो दियारा क्षेत्र में कटाव रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल विभागीय टीम द्वारा प्रभावित इलाकों का सर्वे कराया जा रहा है और जलस्तर तथा कटाव पर निगरानी के लिए कर्मियों को निर्देशित किया गया है।

दियारा क्षेत्र के लोग बताते हैं कि अभी तो सिर्फ खेतों में पानी भर रहा है, लेकिन कटाव अगर तेज हुआ तो उनकी झोपड़ियां और घर भी खतरे में आ जाएंगे। कई ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाए और कटाव रोकने के लिए तुरन्त प्रभावी कदम उठाए जाएं ताकि उनकी फसलें और जमीन बच सके।

गौरतलब है कि टपुआ दियारा क्षेत्र में हर वर्ष गंगा का कटाव बड़ी समस्या बनकर सामने आता है। लोग कई बार अपने घरों और जमीन को छोड़कर पलायन के लिए मजबूर हो जाते हैं। वर्तमान में भी ग्रामीणों की नजर गंगा के बढ़ते जलस्तर और कटाव पर टिकी हुई है। ग्रामीण प्रशासन और विभाग से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि समय रहते कटाव नियंत्रण का प्रयास किया जाए ताकि उनकी फसलें, जमीन और जीवन बचाया जा सके।

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