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भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में जहां एक ओर विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला की तैयारी जिला प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर की जा रही है, वहीं दूसरी ओर नगर परिषद सुल्तानगंज की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। विशेषकर वार्ड संख्या तीन स्थित ध्वजागली में हाल ही में बनी पीसीसी सड़क का दोबारा निर्माण शुरू कर दिए जाने से स्थानीय जनता में आक्रोश है और यह मामला भ्रष्टाचार की बू दे रहा है।

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ध्वजागली क्षेत्र की पीसीसी सड़क का निर्माण कुछ ही महीनों पहले नगर परिषद द्वारा कराया गया था। लेकिन श्रावणी मेला के मद्देनज़र उसी सड़क को फिर से तोड़कर दोबारा पीसीसी सड़क बिछाई जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले से ही बनी सड़क की हालत इतनी खराब नहीं थी कि उसे दोबारा बनाया जाए। इस कार्य को देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे बिना योजना और निरीक्षण के जल्दबाजी में ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से काम कराया जा रहा है।

स्थानीय निवासी रमेश यादव ने कहा, “इस सड़क का निर्माण पिछले साल हुआ था और अभी भी उपयोग लायक थी। लेकिन दोबारा उसी पर पीसीसी डालने का मतलब साफ है—सरकारी पैसे का दुरुपयोग।” वहीं, महिला समाजसेवी रेखा देवी ने बताया कि सड़क पर जिस तरह से निर्माण सामग्री डाली जा रही है, उससे लगता नहीं कि गुणवत्ता का कोई ध्यान रखा जा रहा है। “सिर्फ दिखावे के लिए गिट्टी, बालू और सीमेंट का उपयोग कर जैसे-तैसे निपटा दिया जा रहा है,” उन्होंने कहा।

स्थानीय लोगों ने इस कार्य को सीधे तौर पर भ्रष्टाचार से जोड़ते हुए नगर परिषद सुल्तानगंज पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कई लोगों का कहना है कि यह सब ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से किया जा रहा है ताकि कम समय में अधिक बजट खर्च दिखा कर राशि निकाली जा सके।

इस पूरे मामले में जब वार्ड संख्या तीन के पार्षद कृष्ण कुमार से बात की गई, तो उन्होंने कहा, “हमें भी इस निर्माण कार्य को लेकर कई शिकायतें मिली हैं। हमने नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से बात की है और गुणवत्ता की जांच की मांग की है। यदि अनियमितता पाई गई तो संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

वहीं, वार्ड प्रतिनिधि विपिन मंडल ने भी निर्माण कार्य पर नाराज़गी जताई और कहा, “यह सड़क हाल ही में बनी थी, इसे फिर से बनाना सरासर जनता के पैसे की बर्बादी है। हम इसकी जांच की मांग करते हैं और दोषियों पर कार्रवाई चाहते हैं।”

ध्वजागली की यह सड़क श्रावणी मेला में आने वाले श्रद्धालुओं के मार्ग में पड़ती है, इसलिए इसे बेहतर बनाना जरूरी है, लेकिन जिस तरह से पहले से बनी सड़क को फिर से तोड़कर निर्माण किया जा रहा है, वह निश्चित तौर पर सवाल उठाता है। प्रशासन को इस विषय में पारदर्शिता लानी चाहिए और दोषियों को चिन्हित कर जवाबदेह ठहराना चाहिए।

 

 

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