भागलपुर जिले के कजरैली थाना क्षेत्र अंतर्गत तमौनी गांव से एक बेहद चौंकाने वाली और निंदनीय घटना सामने आई है, जहां एक प्राचीन धार्मिक स्थल पर अराजक तत्वों ने हमला कर धार्मिक भावनाओं को गहरी चोट पहुंचाई है। मिली जानकारी के अनुसार, असामाजिक तत्वों ने गांव के इस पूज्य स्थल को अपना निशाना बनाते हुए वहां स्थापित बजरंगबली की पिंडी को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। यही नहीं, धार्मिक स्थल पर आस्था का प्रतीक मानी जाने वाली तुलसी के पौधों को भी उखाड़कर फेंक दिया गया। इस निंदनीय घटना से ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है।

घटना की जानकारी मिलते ही कजरैली थाना की पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। एहतियातन गांव में पुलिस कैंप कर रही है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। फिलहाल शांति बनाए रखने की हर संभव कोशिश की जा रही है, लेकिन गांव में तनाव और भय का माहौल अब भी बना हुआ है।
स्थानीय लोगों के अनुसार यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी इसी धार्मिक स्थल को निशाना बनाए जाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह महज शरारत नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश हो सकती है, जिसका मकसद गांव की शांति को भंग करना और साम्प्रदायिक सौहार्द को चोट पहुंचाना है।
गांव के एक बुजुर्ग श्रद्धालु रामजी सिंह बताते हैं, “हम लोग वर्षों से यहां पूजा करते आए हैं। पिंडी हमारी आस्था का प्रतीक है। इस पर हमला सिर्फ एक मूर्ति पर नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और विश्वास पर हमला है।” ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए तुरंत नई पिंडी का निर्माण किया और पूजा-पाठ शुरू किया, ताकि गांव में माहौल सामान्य बना रहे।
हालांकि पुलिस प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी ने बताया कि घटनास्थल की बारीकी से जांच की जा रही है और आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। कुछ संदिग्धों से पूछताछ भी की जा रही है। पुलिस का कहना है कि बहुत जल्द दोषियों की पहचान कर ली जाएगी और उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने यह सवाल जरूर खड़ा कर दिया है कि आखिर वे कौन लोग हैं जो धार्मिक आस्था और तुलसी जैसे पूजनीय पौधों से इतनी नफरत करते हैं? क्या यह सिर्फ शरारती तत्वों की करतूत है या इसके पीछे कोई संगठित योजना काम कर रही है?
गांव के युवाओं ने भी इस घटना की निंदा करते हुए प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। वहीं, महिलाओं ने भी इसे आस्था पर हमला बताते हुए कहा कि ऐसा करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।
फिलहाल गांव में पुलिस गश्त लगातार जारी है और प्रशासन स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है। पूरे जिले में इस घटना को लेकर चिंता और गुस्से का माहौल है। प्रशासन का कहना है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
यह घटना सिर्फ तमौनी गांव की नहीं, बल्कि समाज के उस ताने-बाने की भी कहानी है जो धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक सौहार्द की नींव पर खड़ा है। अब देखना यह है कि कानून कितनी तेजी से काम करता है और दोषी कब कानून के शिकंजे में आते हैं।
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