कोडरमा जिले के डोमचांच थाना क्षेत्र स्थित मधुबन गांव में गुरुवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां खेलते समय बिजली के करंट की चपेट में आने से दो मासूम बच्चों की मौत हो गई। मृत बच्चों में एक तीन वर्षीय बालक और एक दस वर्षीय बालिका शामिल है। घटना ने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और पूरे गांव में मातम का माहौल है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों की पहचान सूरज सिंह के तीन वर्षीय पुत्र लड्डू सिंह और मैनेजर सिंह की दस वर्षीय पुत्री सरस्वती कुमारी के रूप में की गई है। दोनों बच्चे मैनेजर सिंह के घर के आंगन में खेल रहे थे, तभी यह दर्दनाक हादसा हो गया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि घर के लोहे के गेट में करंट दौड़ रहा था, जिसे बच्चे समझ नहीं सके और वही उनके लिए जानलेवा बन गया। गेट छूते ही दोनों बच्चे तेज करंट की चपेट में आ गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। घर में कोहराम मच गया। परिजन बदहवासी की हालत में बच्चों को अस्पताल लेकर भागे, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मधुबन गांव के लोगों का कहना है कि यह हादसा लापरवाही का नतीजा है। बरसात के कारण गांव के कई घरों में बिजली की उचित अर्थिंग नहीं हो पा रही है। इसी वजह से कई घरों में दरवाजे, खिड़कियां और यहां तक कि दीवारों में भी करंट फैल रहा है। मैनेजर सिंह के घर में भी इसी कारण गेट में करंट दौड़ रहा था, लेकिन समय रहते इसका पता नहीं चल सका। और जब तक किसी को एहसास हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
घटना की सूचना मिलते ही डोमचांच थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अधिकारी पूरे मामले की जांच कर रहे हैं और बिजली विभाग को भी इसकी जानकारी दी गई है।
गांववालों ने प्रशासन से मांग की है कि पूरे गांव की बिजली व्यवस्था की जांच कराई जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना न हो। साथ ही मृत बच्चों के परिजनों को मुआवजा और उचित सहायता देने की भी मांग उठ रही है।
इस घटना ने न केवल दो परिवारों को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे गांव को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमारे आस-पास कितनी असुरक्षित चीजें मौजूद हैं, जिन पर हम अक्सर ध्यान नहीं देते। बच्चों की मौत से पूरा इलाका गमगीन है। हर आंख नम है और हर मन व्यथित।
मधुबन गांव की यह घटना महज एक हादसा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि हम अपने घरों में बिजली की सुरक्षा को लेकर कितने सजग हैं। बिजली जैसी सुविधा अगर लापरवाही से जुड़े तो मौत का कारण बन सकती है। प्रशासन और आमजन दोनों को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सजग रहना होगा। वरना इसी तरह मासूम जानें जाती रहेंगी और मातम के बाद सिर्फ अफसोस ही बाकी रह जाएगा।
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