सीतामढ़ी जिले के सुप्रसिद्ध बगहीधाम आश्रम में बीते दिन एक ऐतिहासिक, प्रेरणादायी और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण क्षण साक्षी बना, जब पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद श्री राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और परम श्रद्धेय परमहंस बाबा सुखदेव दास जी की आत्मीय मुलाकात हुई। यह भेंट केवल एक औपचारिकता नहीं बल्कि समाज और युवा पीढ़ी के निर्माण की दिशा में गहराई से विचार-विमर्श का अवसर बन गई।
इस विशेष अवसर पर बगहीधाम आश्रम श्रद्धा, सेवा और समर्पण के वातावरण से ओतप्रोत था। दोनों महान व्यक्तित्वों ने न केवल आध्यात्मिक साधना की महत्ता पर बल दिया, बल्कि सामाजिक और वैयक्तिक जीवन में नैतिक मूल्यों की आवश्यकता पर भी गहन विमर्श किया। संवाद का केंद्रबिंदु रहा – आज की युवा पीढ़ी को किस प्रकार से जागरूक किया जाए ताकि वे नैतिकता, जनसेवा और जीवन के मूलभूत आदर्शों को अपनाकर समाज की दशा और दिशा बदल सकें।
परमहंस बाबा सुखदेव दास जी, जो वर्षों से बगहीधाम आश्रम के माध्यम से आध्यात्मिक जागरण, साधना, सेवा और समाजोत्थान के कार्य में रत हैं, उन्होंने अपने विशद अनुभवों के माध्यम से यह बताया कि किस प्रकार से आत्मिक चेतना का विकास कर व्यक्ति अपने भीतर की शक्ति को पहचान सकता है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक मार्ग केवल ईश्वर की खोज नहीं, बल्कि स्वयं के अस्तित्व और कर्तव्यों की पहचान का मार्ग है।
पप्पू यादव जी, जो सामाजिक न्याय और मानवीय संवेदनाओं के प्रतीक माने जाते हैं, उन्होंने बाबा जी से अपनी मुलाकात को एक आध्यात्मिक ऊर्जा का स्त्रोत बताया। उन्होंने कहा कि जब समाज के पथभ्रष्ट होने का डर हो, तब साधु-संतों की छांव में जाकर मार्गदर्शन लेना आवश्यक हो जाता है। पप्पू यादव ने युवाओं से अपील की कि वे केवल शिक्षा और नौकरी तक सीमित न रहें, बल्कि सामाजिक चेतना, सेवा भावना और न्याय के लिए संघर्ष को भी अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
दोनों ने इस बात पर विशेष ज़ोर दिया कि आज समाज जिस संकट के दौर से गुजर रहा है – चाहे वह नैतिक ह्रास हो, युवाओं में बढ़ती अपराध प्रवृत्ति हो, या सामाजिक विघटन – उसका समाधान केवल कानून या सरकारी योजनाओं से नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जागृति और मूल्यपरक जीवन शैली से ही संभव है।
बगहीधाम आश्रम इस दिशा में वर्षों से निःस्वार्थ भाव से कार्य करता रहा है। यह आश्रम न केवल साधना का केंद्र है, बल्कि समाज के वंचित वर्गों के उत्थान, शिक्षा, सेवा और संस्कार के लिए भी प्रतिबद्ध रहा है। यहाँ नियमित रूप से भक्ति-सत्संग, ध्यान-योग, स्वच्छता अभियान, नशामुक्ति और गरीबों की सहायता के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इस पावन अवसर पर सीतामढ़ी जिले के विभिन्न क्षेत्रों से जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, शिक्षक, युवा कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए। आश्रम परिसर में एक विशेष सत्संग का आयोजन किया गया, जिसमें आध्यात्मिक संगीत, प्रवचन और साधना के विविध अनुभवों को साझा किया गया।
जनसमूह को संबोधित करते हुए पप्पू यादव ने कहा, “जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति की पीड़ा हमारी राजनीति और सेवा का केंद्र नहीं बनेगी, तब तक हम केवल चुनावी नेता ही रहेंगे, जनसेवक नहीं। आज जरूरत है कि हम ईमानदारी, करुणा और संवेदनशीलता को अपने जीवन में स्थान दें। बाबा जी जैसे संत समाज को दिशा दिखाते हैं, उनकी उपस्थिति हमारे लिए आशीर्वाद है।”
परमहंस बाबा ने भी आशीर्वचन में कहा कि समाज में जब अंधकार बढ़ता है, तब साधना और सेवा के दीपक जलाने होंगे। उन्होंने कहा कि “युवा पीढ़ी को भटकाव से बचाने के लिए जरूरी है कि हम उन्हें न केवल शिक्षा दें, बल्कि सही मार्गदर्शन और आध्यात्मिक आधार भी दें।”
इस मुलाकात को उपस्थित श्रद्धालुओं और आमजनों ने अत्यंत प्रेरणादायी और ऐतिहासिक बताया। आश्रम परिसर में पूरे दिन भक्तिमय वातावरण बना रहा। भंडारा, भजन-कीर्तन और आध्यात्मिक प्रवचनों ने इस अवसर को और भी गरिमामयी बना दिया।
कार्यक्रम के अंत में पप्पू यादव ने बाबा जी से आशीर्वाद लेकर संकल्प लिया कि वे समाज के कमजोर, पीड़ित और वंचित वर्गों की सेवा के लिए और अधिक ऊर्जा, समर्पण और निष्ठा से कार्य करेंगे।
यह भेंट न केवल एक आध्यात्मिक मिलन थी, बल्कि आने वाले समय के लिए एक संदेश भी – कि राजनीति, समाज और अध्यात्म मिलकर ही एक बेहतर, न्यायपूर्ण और समरस समाज का निर्माण कर सकते हैं। बगहीधाम आश्रम इस समरसता का केंद्र बनकर जनचेतना की मशाल जलाता रहेगा।
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