सहरसा जिले के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत सीहोल गांव में बीते दिन हुई 21 वर्षीय युवक आयुष आनंद की संदिग्ध मौत ने न केवल इलाके में सनसनी फैला दी है, बल्कि अब इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। आयुष के परिजनों ने जहां उसकी हत्या का आरोप लगाया है, वहीं पुलिस इसे आत्महत्या करार दे रही है। परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा इस बात को लेकर और अधिक बढ़ गया है कि पुलिस ने बिना ठोस जांच के ही मामला आत्महत्या का बता दिया।
इसी घटना को लेकर आज जन अधिकार पार्टी (लो.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद पप्पू यादव पीड़ित परिवार से मिलने सीहोल गांव पहुंचे। उन्होंने शोकसंतप्त परिवार को ढांढस बंधाया और हरसंभव न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। पप्पू यादव ने परिवार के सदस्यों से विस्तृत बातचीत की और घटनास्थल की जानकारी ली। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह केवल आत्महत्या का मामला नहीं, बल्कि सुनियोजित हत्या हो सकती है और प्रशासन इसे दबाने की कोशिश कर रहा है।
मौके पर मौजूद मीडिया से बात करते हुए पप्पू यादव ने बिहार सरकार और प्रशासन पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, “आज बिहार में आम आदमी की जिंदगी पूरी तरह असुरक्षित हो गई है। माफिया, अपराधी, दलाल और भ्रष्ट अफसर मिलकर पूरे राज्य को चला रहे हैं। शासन नाम की कोई चीज नहीं बची है। जनता त्रस्त है और सरकार मस्त है।”
उन्होंने इस दौरान सहरसा के डीआईजी और एसपी को मौके से ही फोन कर घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यदि समय रहते न्याय नहीं मिला, तो जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन को चेताते हुए कहा कि पीड़ित परिवार के साथ अन्याय हुआ तो वे चुप नहीं बैठेंगे।
सांसद पप्पू यादव ने आगे कहा कि राज्य में अपराध और नशे का कारोबार चरम पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि 70 से 80 प्रतिशत युवा वर्ग नशे की गिरफ्त में है और इसके पीछे एक संगठित गिरोह काम कर रहा है, जो सत्ता और प्रशासन के संरक्षण में पनप रहा है। “हर दिन किसी न किसी परिवार में मातम पसरा रहता है। नशे ने घर-घर को तबाह कर दिया है। अब कोई भी घर सुरक्षित नहीं है। अगर समय रहते सरकार नहीं जागी तो बिहार की स्थिति और भयावह हो जाएगी,” उन्होंने चेतावनी दी।
इस दौरान गांव में भारी संख्या में लोग एकत्र हो गए थे। स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन के प्रति रोष जताया और कहा कि जब तक हत्या की सही जांच नहीं होती, तब तक वे शांत नहीं बैठेंगे। ग्रामीणों ने भी पप्पू यादव से आग्रह किया कि वे इस मामले को संसद से लेकर सड़क तक उठाएं।
पप्पू यादव ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि उनकी पार्टी ऐसे हर मामले में पीड़ितों के साथ खड़ी है, चाहे वह गरीब हो, दलित हो, महिला हो या युवा। उन्होंने कहा, “जब तक आखिरी इंसान को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक मैं संघर्ष करता रहूंगा। यह सिर्फ एक परिवार का मामला नहीं है, बल्कि पूरे समाज की लड़ाई है।”
घटना को लेकर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। जहां पुलिस आत्महत्या की थ्योरी पर काम कर रही है, वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिजनों के बयान इस थ्योरी को कमजोर करते हैं। स्थानीय लोग भी यही मान रहे हैं कि मामला हत्या का है और किसी साजिश को अंजाम दिया गया है।
इस पूरी घटना ने एक बार फिर बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष लगातार सरकार पर हमला बोल रहा है और जनता में असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है। देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी पारदर्शिता और तत्परता से जांच करता है, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और समाज में भरोसा कायम रह सके।
अपना बिहार झारखंड पर और भी खबरें देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
सहरसा किलकारी बाल भवन में 3 से 22 जून तक रचनात्मक छुट्टियों का आयोजन