सहरसा जिले से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां अपहरण के बाद 10 वर्षीय मासूम बच्चे की बेरहमी से हत्या कर दी गई। परिजन न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और अब उन्होंने सीधे पुलिस अधीक्षक से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई है। मामला सोनवर्षा कचहरी थाना क्षेत्र के विशनुपुर पंचायत का है, जहां के निवासी रविन्द्र यादव का 10 वर्षीय पुत्र मणिकांत कुमार 12 मई को खेत से घर लौटते समय रहस्यमय तरीके से लापता हो गया था।
परिजनों के अनुसार, सुबह करीब 10 बजे मणिकांत घर से खेत गया हुआ था। लेकिन जब दोपहर तक वह वापस नहीं लौटा, तो परिवार को चिंता हुई। आसपास के क्षेत्रों में खोजबीन की गई, और शाम करीब 4 बजे गांव के ही खेत में मणिकांत का शव मिला। शव को देखकर यह साफ जाहिर हो रहा था कि उसकी हत्या गला दबाकर और मचोकर की गई है। मासूम के शरीर पर चोट और संघर्ष के कई निशान थे, जो इस निर्मम वारदात की बर्बरता को बयां कर रहे थे।
घटना के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई। परिजनों की तहरीर पर कन्हरिया थाना में कांड संख्या 25/25 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। रविन्द्र यादव ने एफआईआर में कुछ लोगों को नामजद भी किया है, जिन पर पहले से उनके परिवार के साथ पुराना विवाद चल रहा था। परंतु दुख की बात यह है कि अभी तक पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
रविन्द्र यादव का आरोप है कि नामजद अभियुक्त स्थानीय पुलिस के संरक्षण में खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि पुलिस पर आरोपियों ने पैसों का दबाव बनाया है, जिसकी वजह से उन्हें छोड़ दिया गया। इतना ही नहीं, अब आरोपी लगातार उनके पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। पीड़ित परिवार भय और तनाव के साये में जीवन बिताने को मजबूर है।
न्याय की आस में थक चुके परिजन अब जिले के पुलिस अधीक्षक से मिलने पहुंचे। एसपी कार्यालय में उन्होंने एक लिखित आवेदन सौंपते हुए मामले की निष्पक्ष जांच और अभियुक्तों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। परिजनों की आंखों में गुस्सा भी था और दर्द भी। उनका कहना है कि जब पुलिस ही न्याय नहीं दे पा रही है, तो आम आदमी कहां जाए।
परिजनों के साथ गांव के कुछ सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीण भी एसपी कार्यालय पहुंचे और घटना की गंभीरता को सामने रखते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।
पुलिस अधीक्षक ने पीड़ित परिवार को न्याय का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच तेज़ी से की जा रही है और यदि किसी स्तर पर लापरवाही हुई है, तो संबंधित पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि दोषियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी।
यह घटना न केवल जिले की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि न्याय के लिए आज भी आम नागरिकों को संघर्ष करना पड़ता है। एक मासूम बच्चे की हत्या के बाद यदि परिजन सुरक्षा की बजाय डर में जी रहे हैं, तो यह समाज और प्रशासन दोनों के लिए चेतावनी है।
अब देखना यह होगा कि पुलिस अधीक्षक के आश्वासन के बाद पीड़ित परिवार को न्याय मिलता है या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
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