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विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला को लेकर भागलपुर प्रशासन की तैयारियां अब तेजी पकड़ने लगी हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने सुल्तानगंज गंगा घाट से लेकर कच्ची कांवरिया पथ तक का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि सभी विभाग अपने-अपने जिम्मेदारियों का समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से निष्पादन सुनिश्चित करें।

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निरीक्षण के दौरान सुल्तानगंज विधायक प्रो. ललित नारायण मंडल, नगर परिषद के सभापति राजकुमार गुड्डू और उपसभापति नीलम देवी भी उपस्थित रहे। जनप्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी को घाट क्षेत्र और कांवरिया पथ पर स्थानीय स्तर पर आने वाली समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि कई जगहों पर सड़कें क्षतिग्रस्त हैं, नालियों की सफाई अधूरी है और कुछ स्थानों पर पीने के पानी तथा शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी बनी हुई है।

इन तमाम बातों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि 7 जुलाई से पहले सभी तैयारियों को पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बार श्रावणी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं यानी कांवरियों को हर स्तर पर पहले से बेहतर सुविधा देने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सुल्तानगंज गंगा घाट की सफाई, बैरिकेडिंग, प्रकाश की व्यवस्था, पेयजल, मोबाइल टॉयलेट, चिकित्सा शिविर, कांवरियों के ठहराव और सुरक्षा इंतजामों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को यह भी कहा कि कार्यों में लापरवाही या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी कार्य तय समय-सीमा में पूरे हों, ताकि मेले के दौरान किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो।

निरीक्षण दल में उप विकास आयुक्त प्रदीप सिंह, एसडीएम विकास कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, जलापूर्ति, स्वास्थ्य, नगर निगम, पथ निर्माण, विद्युत, सिंचाई समेत अन्य विभागों के पदाधिकारी भी मौजूद थे। सभी ने अपने-अपने विभागों की तैयारियों और आगे की योजनाओं की जानकारी जिलाधिकारी को दी।

डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि कच्ची कांवरिया पथ पर पर्याप्त मात्रा में पीने के पानी की व्यवस्था की जाए। साथ ही रात्रि में कांवरियों को रोशनी की कोई कमी न हो, इसके लिए सोलर लाइट और जनरेटर की व्यवस्था की जाए। उन्होंने चिकित्सा टीम को हर दो किलोमीटर पर प्राथमिक उपचार केंद्र स्थापित करने का निर्देश दिया ताकि किसी भी आपात स्थिति में कांवरियों को त्वरित चिकित्सा सहायता मिल सके।

गौरतलब है कि श्रावणी मेला एक धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा है, जिसमें हर वर्ष देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु सुल्तानगंज पहुंचते हैं। यहां से वे गंगाजल लेकर लगभग 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम पहुंचते हैं। यह मेला पूरे सावन माह तक चलता है, जिसमें कांवरियों की भारी भीड़ उमड़ती है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन हर साल सुरक्षा और सुविधा के व्यापक इंतजाम करता है।

इस बार प्रशासन का लक्ष्य है कि न केवल श्रद्धालुओं को अच्छी सुविधा दी जाए बल्कि उन्हें भावनात्मक रूप से यह महसूस कराया जाए कि वे एक सुरक्षित और पवित्र वातावरण में हैं। जिला प्रशासन इस बात को लेकर बेहद सतर्क है कि कहीं कोई असुविधा या अव्यवस्था श्रद्धालुओं के अनुभव को प्रभावित न करे।

श्रावणी मेले को लेकर स्थानीय व्यवसायी, समाजसेवी संगठन और आम लोग भी तैयारियों में जुट गए हैं। दुकानों की सजावट, कांवर डेकोरेशन, पूजा सामग्री की उपलब्धता और यातायात व्यवस्था पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। प्रशासनिक तैयारियों के साथ-साथ जनसहभागिता भी मेले की सफलता की एक प्रमुख कड़ी मानी जाती है।

भागलपुर जिला प्रशासन की ओर से यह साफ संकेत दिया गया है कि इस बार की व्यवस्था पहले से ज्यादा सुदृढ़ और श्रद्धालु-हितैषी होगी। जिलाधिकारी की अगुवाई में चल रहे निरीक्षण और समीक्षा से यह उम्मीद बंधी है कि इस बार का श्रावणी मेला न केवल आस्था का संगम होगा, बल्कि बेहतर प्रशासनिक प्रबंधन का भी उदाहरण बनेगा।

 

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