बिहार के सहरसा जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। जिले के बनगांव थाना क्षेत्र में शुक्रवार को एक भीषण सड़क हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मरने वालों की पहचान सत्तरकटैया निवासी 60 वर्षीय अब्दुल खान और 35 वर्षीय मो. एतशाम उर्फ इंतकाम के रूप में हुई है। दोनों आपस में साला-बहनोई थे और एक ही बाइक पर सवार होकर कहीं जा रहे थे, तभी रास्ते में तेज रफ्तार अज्ञात ट्रैक्टर ने उनकी बाइक में जोरदार टक्कर मार दी।
यह दर्दनाक हादसा बनगांव थाना क्षेत्र के मुरली मोड़ के समीप हुआ। बताया जा रहा है कि दोनों बिहरा थाना क्षेत्र के रहने वाले थे और शुक्रवार की सुबह किसी जरूरी काम से बरियाही जा रहे थे। इसी दौरान सामने से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने उनकी बाइक को सीधी टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए और दोनों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतक अब्दुल खान दिल्ली की एक लेदर कंपनी में ठेकेदार के रूप में काम करते थे। कुछ दिन पहले ही वह अपने गांव लौटे थे। अब्दुल खान पांच बच्चों के पिता थे। उनके गांव लौटने की खुशी अभी परिवार में बनी ही थी कि अचानक हुए इस हादसे ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया।
वहीं, उनके बहनोई मो. एतशाम उर्फ इंतकाम बिहरा बाजार में फल की दुकान चलाते थे और उसी आमदनी से अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। वे भी शादीशुदा थे और उनके भी बच्चे हैं। एक साथ दोनों की मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया है। किसी को यकीन नहीं हो रहा कि एक साथ दो जिंदगियां यूं अचानक खत्म हो गईं।
घटना की सूचना मिलते ही डायल 112 की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और मामले की जानकारी बनगांव थाना को दी। बनगांव थानाध्यक्ष पूनम कुमारी ने हादसे की पुष्टि करते हुए कहा कि यह एक गंभीर सड़क दुर्घटना थी जिसमें दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। अज्ञात वाहन की तलाश की जा रही है और कानूनी प्रक्रिया के तहत आगे की कार्रवाई की जा रही है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, मुरली मोड़ के पास आए दिन तेज रफ्तार वाहनों का आवागमन होता है और सड़क पर सुरक्षा के कोई खास इंतजाम नहीं हैं। न तो वहां स्पीड ब्रेकर हैं और न ही कोई चेतावनी बोर्ड। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि उस स्थान पर ट्रैफिक नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं ताकि आगे कोई और ऐसी दुखद घटना न हो।
वहीं, परिजनों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि अचानक हुए इस हादसे ने उनके परिवार के दो कमाऊ सदस्यों को छीन लिया है, जिससे घर की आर्थिक स्थिति और खराब हो गई है। सरकार से मांग है कि मृतकों के परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए ताकि बच्चों की परवरिश और घर का खर्च चल सके।
पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार के लिए उन्हें परिजनों को सौंप दिया है। गांव में अब्दुल खान और मो. एतशाम दोनों की मौत को लेकर शोक की लहर है। दोनों सामाजिक रूप से मिलनसार थे और अपने व्यवहार के लिए जाने जाते थे। ऐसे में गांव वालों के लिए भी उनका जाना किसी बड़े नुकसान से कम नहीं।
यह हादसा एक बार फिर से यह सोचने पर मजबूर करता है कि सड़कों पर बढ़ती लापरवाही और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कितनी जानलेवा साबित हो रही है। यदि समय रहते ट्रैफिक नियंत्रण और जागरूकता पर ध्यान नहीं दिया गया तो ऐसे हादसों की संख्या और बढ़ सकती है।
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