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प्रखंड क्षेत्र में विभिन्न पंचायतों के रिक्त पदों को भरने के लिए हो रहे उपचुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया जोर पकड़ने लगी है। बुधवार को नामांकन के पांचवें दिन मुखिया पद के लिए खुशबू देवी ने नामांकन का पर्चा भरा, जिससे चुनावी माहौल में गर्मी आ गई है।

खुशबू देवी का नामांकन भरना इस उपचुनाव में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है, क्योंकि स्थानीय स्तर पर उनकी सामाजिक पकड़ और महिला सशक्तिकरण की दिशा में किए गए कार्यों को लेकर लोगों में सकारात्मक धारणा है। नामांकन के दौरान उनके समर्थकों की भीड़ और उत्साह यह दर्शाता है कि मुकाबला दिलचस्प होने वाला है।

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इससे एक दिन पूर्व मंगलवार को झंडापुर पूरब पंचायत के वार्ड संख्या तीन से पंच पद के लिए एक प्रत्याशी ने पर्चा भरा था। इसके साथ ही धरमपुररत्ती पंचायत के वार्ड संख्या एक, झंडापुर पूरब के वार्ड तीन, और बभनगामा पंचायत के वार्ड दो में वार्ड सदस्य पदों के लिए उपचुनाव होना तय हुआ है। इन वार्डों में पंचायत प्रतिनिधियों के पद रिक्त होने से स्थानीय विकास कार्य प्रभावित हो रहे थे। अब उपचुनाव के माध्यम से इन पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

निर्वाचन कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार उपचुनाव की अधिसूचना के तहत नामांकन 14 जून से प्रारंभ हो चुका है, जो आगामी 20 जून तक चलेगा। इस अवधि में इच्छुक अभ्यर्थी संबंधित पदों के लिए अपने नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं। नामांकन दाखिल करने के बाद स्क्रूटनी यानी जांच प्रक्रिया 21 जून से 23 जून के बीच पूरी की जाएगी। इस दौरान सभी नामांकन पत्रों की वैधता की जांच की जाएगी।

जिन अभ्यर्थियों को नाम वापसी करनी है, उन्हें इसके लिए 24 और 25 जून की तिथि निर्धारित की गई है। इसके बाद 26 जून को सभी वैध अभ्यर्थियों को चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाएगा, जिसके बाद चुनाव प्रचार का दौर शुरू होगा।

मतदान की तिथि 9 जुलाई तय की गई है, जबकि मतगणना 11 जुलाई को संपन्न होगी। प्रशासनिक स्तर पर उपचुनाव को निष्पक्ष व शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। मतदान केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो।

स्थानीय जनता में इस उपचुनाव को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। ग्रामीण विकास, जल-नल योजना, वृद्धा पेंशन, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए लोग ऐसे प्रतिनिधि का चुनाव करना चाहते हैं जो सक्रिय, जवाबदेह और ईमानदार हो।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार महिला उम्मीदवारों की भागीदारी बढ़ रही है, जो पंचायत स्तर पर महिलाओं की बढ़ती राजनीतिक भागीदारी और सशक्तिकरण का संकेत है।

चुनाव आयोग व स्थानीय प्रशासन की निगरानी में नामांकन की प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से चल रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि नामांकन की अंतिम तिथि तक और भी प्रत्याशी अपनी दावेदारी प्रस्तुत करेंगे, जिससे मुकाबला रोचक होता जाएगा।

इस प्रकार, पंचायतों के रिक्त पदों को भरने के लिए हो रहे उपचुनाव ने स्थानीय राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। अब देखना यह होगा कि मतदान के दिन जनता किस प्रत्याशी पर विश्वास जताती है और स्थानीय विकास के लिए किसे चुनती है।

 

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