भागलपुर जिले में अवैध हथियार के साथ पंचायती करने पहुंचे दो युवकों को पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तार कर लिया। वहीं, तीन अन्य युवक मौके से फरार हो गए। यह कार्रवाई भवानीपुर थाना क्षेत्र की पुलिस द्वारा की गई। गिरफ्तार युवकों की पहचान भवानीपुर थाना क्षेत्र निवासी अमरेंद्र शर्मा के पुत्र मृत्युंजय शर्मा और स्कॉर्पियो चालक सुरेंद्र शर्मा के पुत्र सुमित शर्मा के रूप में हुई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मनोहरपुर निवासी जयप्रकाश शर्मा की पुत्री और उसके दामाद के बीच कुछ दिनों से पारिवारिक विवाद चल रहा था। इसी पारिवारिक विवाद को सुलझाने के लिए गांव में एक पंचायती का आयोजन किया गया था। पंचायत में आसपास के ग्रामीणों के साथ-साथ खगड़िया और भवानीपुर से भी कुछ लोग आमंत्रित किए गए थे। पंचायती के दौरान मामला गंभीर रूप लेता जा रहा था और विवाद बढ़कर गाली-गलौज तक पहुंच गया था। ऐसी स्थिति में बात मारपीट तक न पहुंचे, इससे पहले ही किसी ने इस पूरे घटनाक्रम की सूचना गुप्त रूप से पुलिस को दे दी।
गुप्त सूचना के आधार पर भवानीपुर के गश्ती पदाधिकारी पीटीसी दीपक कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जैसे ही पुलिस की गाड़ी मौके पर पहुंची, वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। पुलिस को देख मौके पर मौजूद पांच में से तीन युवक भागने लगे, जबकि दो युवकों को पुलिस ने खदेड़कर पकड़ लिया। पकड़े गए युवकों की तलाशी ली गई तो उनके पास से एक देसी कट्टा और जिंदा कारतूस बरामद हुआ। साथ ही उनके पास मौजूद स्कॉर्पियो की भी जांच की गई।
पुलिस ने जब स्कॉर्पियो से संबंधित दस्तावेज मांगे तो चालक ने वैध कागजात दिखा दिए, लेकिन जब अवैध हथियार को लेकर कागजात की मांग की गई तो आरोपी कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। इससे स्पष्ट हो गया कि वे अवैध हथियार के साथ पंचायती में पहुंचे थे।
भवानीपुर थाना के एडिशनल एसएचओ हरिश्चंद्र उपाध्याय ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस को पहले से ही सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध लोग अवैध हथियार के साथ मनोहरपुर में पंचायती के बहाने इकट्ठा हो रहे हैं। इसी सूचना के आधार पर तत्काल कार्रवाई की गई और मौके से एक देसी कट्टा, एक स्कॉर्पियो और दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है। फरार अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है।
पुलिस ने पकड़े गए दोनों युवकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है, जिसमें मुख्य रूप से आर्म्स एक्ट की धाराएं शामिल हैं। दोनों को पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की प्रक्रिया जारी है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पंचायत का उद्देश्य विवाद को सुलझाना था, लेकिन कुछ लोगों द्वारा हथियार के साथ पहुंचना पूरे आयोजन की नीयत पर सवाल खड़ा करता है। यह भी बताया जा रहा है कि फरार युवक भी किसी बड़ी घटना की फिराक में थे, लेकिन समय रहते पुलिस के पहुंचने से किसी बड़ी अनहोनी को टाल दिया गया।
फिलहाल पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुटी हुई है और फरार तीन आरोपियों की पहचान के लिए आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। साथ ही गिरफ्तार युवकों से यह भी पूछताछ की जा रही है कि वे हथियार कहां से लाए और इसका उपयोग किस उद्देश्य से करने वाले थे।
यह घटना न केवल कानून व्यवस्था के लिहाज से चिंता का विषय है, बल्कि यह भी दिखाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब पारिवारिक विवादों में असलहे का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। पुलिस द्वारा की गई इस त्वरित कार्रवाई से जहां एक संभावित हिंसक घटना टल गई, वहीं ग्रामीणों में सुरक्षा को लेकर विश्वास भी बढ़ा है।
पुलिस अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी को भी इस तरह की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिले तो तुरंत स्थानीय थाना को सूचित करें, ताकि समय रहते कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके।
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